राम जन्म भूमि के मुख्य पुजारी
आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि संत समाज सरकार के इस फैसले का पूरा स्वागत करता है क्योंकि कोविड-19 बहुत ही खतरनाक है। महामारी की चपेट में आने वाले बहुत से लोगों की जीवन लीला समाप्त हो चुकी है। ऐसी स्थिति में कोरोना से बचत करने के लिए जितनी भी धार्मिक यात्राएं हैं जिसमें भीड़ भाड़ होती है उसको सभी को स्थगित कर देना चाहिए। जिस प्रकार से हमारे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कावड़ यात्रा को स्थगित कर दिया है। कावड़ यात्रा के जो संचालक हैं उन्होंने भी स्थगित कर दिया है। यह बहुत ही अच्छी बात है, यह स्वागत योग्य है क्योंकि इसी प्रकार से बचाव है हम बचाव करेंगे और दूसरे को रास्ता देंगे तभी बचाव करेगा हम बच करके रहेंगे तभी इस महामारी पर हम विजय प्राप्त करेंगे कोरोना के कारण यह कावड़ यात्रा यात्रा स्थगित हुई है स्वागत योग्य है।
तपस्वी छावनी के
महंत परमहंस दास ने कहा कि यह कावड़ यात्रा वर्षों की परंपरा है। भगवान भोलेनाथ की उपासना का संगम है। इसमें एक रूप से भक्त और भगवान का मिलन होता है। आस्था तभी रहेगी जब जीवन रहेगा और इस वैश्विक महामारी में जिस तरह से तमाम लोगों की जान चली गई आवश्यक है कि जीवन की रक्षा के लिए कोविड का पालन करके अपने आसपास के शिवालय में भोलेनाथ की उपासना करें। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जीवन की रक्षा के लिए जो कावड़ यात्रा को स्थगित किया है उसको लेकर हम संत धर्माचार्य धन्यवाद देते हैं और जनता से भी अपील करेंगे इस बात को लेकर के किसी भी तरह से वह दुखी ना हो क्योंकि आपकी रक्षा के लिए ही यह कदम उठाया है। जीवन रहेगा तब न जाने कितनी बार कावड़ यात्रा होगी यह वैश्विक महामारी का अंतिम दौर चल रहा है भगवान चाहेंगे तो यह वर्ष जो है अंतिम होगा। इस वर्ष महामारी का और फिर भारत के इतिहास में कोई भी महामारी और दैवीय आपदा नहीं आएगी।
हनुमान गढ़ी के पुजारी
राजू दास ने भी सरकार के फैसले का स्वागत किया है। उन्हाेंने कहा है कि अभी कोरोना महामारी समाप्त नहीं हुई तीसरी लहर आने को हैं लेकिन इसके पूर्व दूसरी लहर से जिस प्रकार पूरी दुनिया में लोगों ने अपने को परिजनों को खोया है। इसलिए इस यात्रा को रोकने के लिए सही समय पर उचित निर्णय लिया है। लोगों से अपील की लोग मास्क लगाए सोशल डिस्टेंस का पालन करे।