आर्कीटेक्ट मनोज सोमपुरा का कहना है कि पत्थर खरीदी के लिए रोजाना ठेकेदार बंशी पहाड़पुर के पत्थरों के लिए संपर्क कर सप्लाई की बात कह रहे हैं, लेकिन अब आपूर्ति सिर्फ उन्हीं ठेकेदारों से ली जाएगी जो नियमों के मुताबिक सही होंगे। जिनके पास खनन की लीज होगी।
समय से पत्थर न मिलने से मंदिर निर्माण के काम में कुछ विलंब हो सकता है। दरअसल, बंसी पहाड़पुर से पत्थर बेडौल रूप में आता है। कटिंग के बाद सीएनजी मशीन पर प्रोग्राम लोडिंग कर आर्किटेक्ट द्वारा इनकी डिजाइन और ड्रॉइंग की जाती है। पत्थरों की कटाई और नक्काशी में भी समय लगता है।
मंदिर की नींव खुदाई से पूर्व श्रीराम जन्मभूमि परिसर में पाइलिंग टेस्टिंग के तहत बन रहे 12 टेस्ट पिलर तैयार हो चुके हैं। अब 28 दिन बाद इनकी भार क्षमता आईआईटी चेन्नई के विशेषज्ञों द्वारा जांची जाएगी। इसके बाद राममंदिर के लिए 1200 स्तंभों के निर्माण का काम शुरू होगा।