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अयोध्या

मान गयी गहलोत सरकार, अब नियमानुसार होगी राममंदिर के लिए पत्थरों की आपूर्ति

-नहीं होगी बंशी पहाड़पुर के गुलाबी पत्थरों की कमी-नक्काशी और तराशी का काम अधिकतर पूरा- इस माह तेज होगी नींव की खुदाई

अयोध्याOct 02, 2020 / 10:11 pm

Abhishek Gupta

Sri Ram temple - भर्तृहरि धाम की पावन मिट्टी अयोध्या रवाना

Sri Ram temple – भर्तृहरि धाम की पावन मिट्टी अयोध्या रवाना

पत्रिका न्यूज नेटवर्क.
अयोध्या. राम मंदिर निर्माण कार्य में आई आंशिक बाधा दूर हो गयी है। राजस्थान की गहलोत सरकार ने शर्तों के साथ भरतपुर के बंशी पहाड़पुर के गुलाबी पत्थरों की आपूर्ति की अनुमति दे दी है। अब मंदिर निर्माण में तेजी आएगी। इस अक्टूबर में नींव की खुदाई की प्रक्रिया और तेज की जाएगी। मंदिर में लगने वाले खास गुलाबी पत्थर की खरीद की प्रक्रिया भी तेज हो गई है।
वीएचपी की कारसेवकपुरम स्थित कार्यशाला में मंदिर निर्माण के लिए जरूरतभर के पत्थर तराश कर रखे गए हैं। लेकिन अभी 4.5 लाख घन फीट गुलाबी पत्थरों की और जरूरत है। इस बीच राजस्थान सरकार द्वारा बंशी पहाड़पुर के गुलाबी पत्थरों की सप्लाई पर रोक लगा दी गई है, इससे पत्थर आपूर्ति में बाधा आयी। हालांकि, श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने इसका प्लान तैयार कर लिया है। ट्रस्ट करीब 36 करोड़ रुपए मूल्य के 4.5 लाख घनफीट गुलाबी पत्थरों का ऑर्डर अन्य ठेकेदारों को दे दिया है।
नियमानुसार होगी पत्थरों की आपूर्ति-
आर्कीटेक्ट मनोज सोमपुरा का कहना है कि पत्थर खरीदी के लिए रोजाना ठेकेदार बंशी पहाड़पुर के पत्थरों के लिए संपर्क कर सप्लाई की बात कह रहे हैं, लेकिन अब आपूर्ति सिर्फ उन्हीं ठेकेदारों से ली जाएगी जो नियमों के मुताबिक सही होंगे। जिनके पास खनन की लीज होगी।
जरूरत भर का पत्थर मौजूद-
समय से पत्थर न मिलने से मंदिर निर्माण के काम में कुछ विलंब हो सकता है। दरअसल, बंसी पहाड़पुर से पत्थर बेडौल रूप में आता है। कटिंग के बाद सीएनजी मशीन पर प्रोग्राम लोडिंग कर आर्किटेक्ट द्वारा इनकी डिजाइन और ड्रॉइंग की जाती है। पत्थरों की कटाई और नक्काशी में भी समय लगता है।
राम मंदिर के लिए टेस्ट पिलर बनकर तैयार-
मंदिर की नींव खुदाई से पूर्व श्रीराम जन्मभूमि परिसर में पाइलिंग टेस्टिंग के तहत बन रहे 12 टेस्ट पिलर तैयार हो चुके हैं। अब 28 दिन बाद इनकी भार क्षमता आईआईटी चेन्नई के विशेषज्ञों द्वारा जांची जाएगी। इसके बाद राममंदिर के लिए 1200 स्तंभों के निर्माण का काम शुरू होगा।

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