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अयोध्या

साबरमती कांड के पीड़ित परिवारों को मिला प्राण प्रतिष्ठा का न्योता, ट्रेन में जिंदा जलाए गए थे 59 लोग

साबरमती कांड में मारे गए कारसेवकों के 19 परिवारों को अयोध्या में होने वाले प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होने का न्योता मिला है।

अयोध्याJan 16, 2024 / 12:05 pm

Sanjana Singh

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अयोध्या में 22 जनवरी 2024 को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह की तैयारियां अपने चरम पर हैं। इस समारोह में देश के साधु-संत, राजनेता, कारसेवक और उद्यमियों इस समारोह में शामिल होने के लिए न्यौता भेजा जा रहा है। इसी बीच विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने साबरमती कांड में मारे गए कारसेवकों के परिवारवालों को भी राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होने का न्योता भेजा है।
एक न्यूज वेबसाइट की रिपोर्ट के मुताबिक, विहिप गुजरात के महामंत्री अशोक रावल ने बताया कि साधु-संतों, समाज के उच्च उद्यमियों और कारसेवा में शामिल रहे परिवारों को उद्घाटन समारोह का आमंत्रण भेजा गया है। वैसे यह आमंत्रण मकर संक्रांति तक पहुंचाया जाना था, लेकिन अब 20 जनवरी तक करीब सवा करोड़ लोगों को अक्षत आमंत्रण, राममंदिर और भगवान राम के चित्र पहुंचा दिए जाएंगे।
19 परिवारों को सौंपे गए आमंत्रण
अब तक गोधरा कांड में मारे गए कारसेवकों के 19 परिवारों से संपर्क कर प्राण प्रतिष्ठा का आमंत्रण सौंपा गया है। एक न्यूज वेबसाइट की रिपोर्ट के मुताबिक, विहिप प्रवक्ता हितेंद्र सिंह राजपूत बताते हैं कि अहमदाबाद जगन्नाथ मंदिर के महंत, प्रेरणा तीर्थ धाम पीराणा के ट्रस्टी, सूरत के दानदाता उद्यमियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और वरिष्ठ पत्रकारों को भी आमंत्रण सौंपे गए हैं।

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क्या है साबरमती कांड?
27 फरवरी, 2002 को गुजरात के गोधरा स्टेशन से रवाना हुई साबरमती एक्सप्रेस S-6 में आग लगा दी गई थी। इस भीषण अग्निकांड में 59 लोगों की मौत हो गई थी। ट्रेन में सवार लोग हिंदू तीर्थयात्री थे और अयोध्या से लौट रहे थे। इस घटना के बाद गुजरात में सांप्रदायिक हिंसा भड़क गई और दंगे में करीब 1000 से ज्यादा लोग मारे गए। इनमें 790 मुसलमान और 254 हिंदू थे।
साबरमती कांड के करीब 9 साल बाद कोर्ट ने 31 लोगों को दोषी ठहराया था। साल 2011 में SIT कोर्ट ने 11 दोषियों को फांसी और 20 को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। बाद में अक्टूबर 2017 में गुजरात हाईकोर्ट ने 11 दोषियों की फांसी की सजा को भी उम्रकैद में बदल दिया था।

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