श्री राम जन्मभूमि परिसर में मंदिर निर्माण करा रही निर्माण समिति की दो दिवसीय बैठक गुरुवार को समाप्त हुई। इसमें भव्य मंदिर निर्माण के साथ परिसर के विकास को लेकर मंथन किया गया व कई अहम फैसले भी लिए गए। राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि 2023 के अंत से पहले श्रद्धालु श्रीराम लला के दर्शन नए भव्य मंदिर में कर सकेंगे। 2023 के अंत तक गर्भ ग्रह बनकर तैयार हो जाएगा। पूरा परिसर इस प्रकार से बनाया जाएगा जो इको फ्रेंडली होगा। परिसर में उपयोग होने वाले पानी व बरसात से इकट्ठा होने वाले पानी का प्रयोग परिसर के अंदर ही सीवर ट्रीटमेंट व वाटर ट्रीटमेंट में किया जाएगा। वहीं परिसर में अधिक से अधिक पेड़ों को संरक्षित कर उससे प्राकृतिक वातावरण बनाया जाएगा। पूरा परिसर सुरक्षा की दृष्टि से भी बहुत ही महत्वपूर्ण है। इसलिए मंदिर के अतिरिक्त भाग को भी 2025 तक संपूर्ण रूप से विकसित कर दिया जाएगा। चंपत राय ने बताया कि मंदिर में दर्शन करने वाले वृद्ध व विकलांगों के लिए दो लिफ्ट भी लगाई जाएंगी।
राष्ट्रीय महासचिव चंपत राय ने बताया कि इंजीनियरिंग साइट्स के छोटे-छोटे पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की जाती है। 6 महीने के बाद क्या किया जाना है उसकी चर्चा हम आज से करते हैं। इसका टाइम फ्रेम भी यहां तैयार होता है। कौन सा काम किस समय तक पूरा करना है, उसके लिए आवश्यक वस्तु कहां से आएगी और कितने समय में आ जाएगी, वह परिसर में कहां रखी जाएगी, किस दिशा में रखने से क्या कठिनाई होगी, ऐसे कई छोटी-बड़ी बातों पर चर्चा होती है। एलएनटी, टाटा आर्किटेक्ट्स आपस में बैठकर चर्चा करते हैं।