क्या है फलौदी सट्टा बाजार की भविष्यवाणी? (Prediction by Phalodi Satta Bazar)
फलोदी सट्टा बाजार (Phalodi Satta Bajar) के आंकड़ों के मुताबिक, यह चुनाव भाजपा के खाते में जाता दिखाई दे रहा है। सपा और आजाद समाज पार्टी के बीच वोटों के बंटवारे का सीधा फायदा भाजपा को मिल सकता है। सपा छोड़ ASP (आजाद समाज पार्टी) में आए सूरज चौधरी ने स्थिति को चुनौतीपूर्ण बना दिया है। ऐसे में समाजवादी पार्टी का कोर वोट बैंक बट सकता है। दरअसल, मिल्कीपुर में कुल 3.62 लाख मतदाता हैं, जिसमें से 1 लाख, 60 हजार दलित मतदाता हैं। इन मतदाताओं का वोट चुनावी परिणाम को बदल सकता है।क्या कहता है चुनावी इतिहास?
मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर 1967 से लेकर अब तक कुल 17 बार मतदान हुए हैं। इनमें से 6 बार सपा, 3 बार भाजपा, 3 बार कांग्रेस, 1 बार बसपा और 4 बार CPI ने चुनाव जीता है। सपा (Samajwadi Party) ने 1996, 1998, 2002, 2004, 2012 और 2022 में जीत का ताज अपने पास रखा। वहीं, भाजपा सिर्फ 1969, 1991 और 2017 में चुनाव जीता है।फलौदी सट्टा बाजार ने कौन जितेगा 2025 का चुनाव की भविष्यवाणी की, BJP को नुकसान?
बसपा का वोट बैंक बनेगा निर्णायक
भाजपा-सपा के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बनी मिल्कीपुर सीट की तस्वीर साफ हो गई है। उप चुनाव में 10 प्रत्याशी मैदान में हैं। बसपा चुनाव मैदान में नहीं है। अब बसपा का वोट बैंक भाजपा-सपा की जीत-हार में निर्णायक भूमिका अदा करेगा। माना जाता है कि बसपा का इलाके के कोरी तथा पासी समाज के साथ ही बहुजन समाज में अच्छा खासा प्रभाव है। हर चुनाव में पार्टी के कोर मतदाता अपने प्रत्याशी को मत डाल रहे थे, लेकिन इस चुनाव में प्रत्याशी न होने से मतदाता असमंजस में हैं।बसपा (Bahujan Samaj Party) मतदाताओं को अपने पक्ष में करने के लिए भाजपा और सपा जुटी हुआ है। इसके लिए पार्टी के जिम्मेदार लोगों तथा बहुजन समाज के प्रभावशाली लोगों को इन कैडर को अपने पाले में करने का टास्क दिया गया है। माना जा रहा है कि जीत-हार में उनकी भूमिका अहम हो सकती है।