फलोदी सट्टा बाजार के मुताबिक, मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर हो रहे चुनाव में ब्राह्मण मतदाता गेम चेंजर साबित होंगे। पिछले कई चुनाव का रिकॉर्ड देखें तो जिस तरफ ब्राह्मण जाता है, वह प्रत्याशी विधायक बन जाता है। लिहाजा इस बार भी ब्राह्मण मतदाता ट्रंप कार्ड साबित होंगे।
पासी वोट बंटेंगे
मिल्कीपुर उपचुनाव में अभी तक तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और समाजवादी पार्टी नेता अखिलेश यादव ही आमने सामने थे, लेकिन अब बीच में भीम आर्मी वाले चंद्रशेखर आजाद भी घुस गये हैं। दरअसल, मिल्कीपुर सीट पर भाजपा और सपा की ओर से पहले से ही पासी प्रत्याशी मैदान में थे। लेकिन आजाद समाज पार्टी ने पासी समाज से आने वाले सपा के बागी सूरज चौधरी को मैदान में उतारकर दोनों पार्टियों का खेल बिगाड़ दिया है। पासी वोट बैंक बंटने की संभावना को देखते हुए सभी दलों की नजरें अब ब्राह्मण वोटर्स पर टिक गई है।
क्या है जातिगत संख्या
उपचुनाव में वोटरों की बात करें तो यहां कुल लगभग 3.62 लाख मतदाता हैं। इसमें ब्राह्मण 60000, यादव 55,000, पासी 55,000, मुस्लिम 30,000, दलित 25,000, कोरी 20,000, चौरसिया 18,000, वैश्य 12,000, पाल 7,000 और मौर्य 5,0000 हैं। तीनों प्रत्याशी पासी समाज के आने से दलित वोट बंट सकता है। इसकी वजह से सभी पार्टियों की नजर भाजपा पर है।
अपर कास्ट का वोट महत्वपूर्ण
राजनीतिक विश्लेषज्ञों का कहना हैं कि मिल्कीपुर विधानसभा में अभी तक की राजनीति देखें तो यहां पर अपर कास्ट का वोट बहुत महत्वपूर्ण है। उसमें भी इस चुनाव में सबसे ज्यादा ब्राह्मण मतदाता ट्रंप कार्ड साबित होग। इसकी वजह ये है कि यहां जितने पासी समाज के मतदाता हैं, उतने ही करीब-करीब ब्राह्मण समाज के भी मतदाता हैं। इसका फायदा बीजेपी को मिल सकता है। क्योंकि, भाजपा हमेशा से हिंदू धर्म और संस्कृति के प्रति अपनी अपनी छवि प्रस्तुत करती रही है। अयोध्या जैसे धार्मिक शहर में यह छवि ब्राह्मणों का वोट दिलाने में प्रमुख फैक्टर साबित हो सकती है। बीजेपी को मिल रहा फायदा
उधर, फलौदी सट्टा बाजार ने दिल्ली चुनाव में किसकी बन रही सरकार इसकी भी भविष्यवाणी की है। बाजार का अनुमान है कि भाजपा इस वक्त बहुमत के आंकड़े को पार तो नहीं कर सकती है, लेकिन इस बार भाजपा को कुछ सीटों पर फायदा मिलेगा। सट्टा बाजार ने नए भाव में आम आदमी पार्टी को 37 से 39 सीटें दी हैं। हालांकि इसमें AAPको कुछ सीटों का झटका लगा है। लेकिन फिर भी आम आदमी पार्टी बहुत के आंकड़े को पार करते हुए नजर आ रही है।