डिंपल यादव मुलायम सिंह यादव की बहू हैं। वही मुलायम सिंह यादव जिनके मुख्यमंत्री रहते हुए कारसेवकों पर गोलियां चलाई गई। कारसेवकों ने अपनी जान गवाईं। अब आइए आपको उस घटना के बारे में बताते हैं।
आज से 33 साल पहले यानी 30 अक्टूबर 1990। कारसेवकों के साथ साधु-संतों की भीड़ हनुमागढ़ी की आरे बढ़ रही थी। अयोध्या में कर्फ्यू लगा दिया गया था। इसके बाद भी अयोध्या में इतनी अधिक भीड़ हो गई थी कि उन्हें काबू करना मुश्किल हो रहा था। पुलिस बाबरी मस्जिद के आसपास करीब 1.5 किलोमीटर के इलाके में बैरिकेडिंग कर रखी थी। किसी को घुसने नहीं दिया जा रहा था।
सुबह करीब 10 बजे तक हनुमान गढ़ी के आसपास काफी भीड़ बढ़ चुकी थी। किसी को भी घुसने नहीं दिया जा रहा था। पुलिस कारसेवकों को पीछे हटने का आग्रह कर रहा था। काार सेवक बैरीकेडिंग के पास पहुंच गए। पुलिस की वैन के जरिए बैरीकेडिंग को तोड़ दिया। आगे बढ़ने लगे। तभी पुलिस को लखनऊ से गोली चलाने का आदेश मिलता है।
पुलिस ने गोलियां दाग दीं। कई कारसेवकों की मौत भी हो गई थी। सरयू नदी पर बने पुल के जरिए भाग रहे लोगों में भगदड़ मच गई। उसमें भी कई कारसेवकों की मौत हुई थी। मरने वालों की संख्या का आज तक अंदाजा नहीं लगाया जा सका। 2 नवंबर 1990 को फिर पुलिस ने गोली चलाई और कोठारी बंधुओं की मौत हुई। कई लोग घायल भी हुए और कारसेवा रद्द कर दी गई।
साल 2016 में अपने एक भाषण में मुलायम सिंह यादव ने कारसेवक गोलीकांड पर बोले थे कि अगर मस्जिद को गिर जाने देता तो हिंदुस्तान का मुसलमान महसूस करता कि हमारे धार्मिक स्थल भी नहीं रहेंगे। तो इस देश की एकता के लिए वो खतरा होता। मुलायम सिंह यादव ने कहा था कि अगर 16 जानें तो कम थी अगर 30 जानें भी जाती देश की एकता के लिए तो भी मैं अपना फैसला वापस नहीं लेता। अब उनकी बहू डिंपल यादव राम मंदिर के उद्धाटन में जाने के लिए तैयार हैं।