ऐसा कहा जाता है, अयोध्या से कोई बात निकलती है तो दूर तक जाती है, लेकिन इकबाल अंसारी कहते हैं कि अयोध्या से की गई दुआ और प्रार्थना का असर जरूर होता है। इसलिए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पुनः प्रधानमंत्री बनने की दुआ की है। वहीं, जगद्गुरु परमहंस आचार्य का कहना है कि लोग मजहब और जाति के आधार पर नहीं, देश के विकास और सम्मान को लेकर वोट डालेंगे।
इकबाल अंसारी कहते हैं मुझे किसी का डर नहीं है। यह अयोध्या की धरती है। साधु-संतों की नगरी है। सूफियों की नगरी है, ग्रस्तों की नगरी है। हिंदू और मुसलमान सिख-ईसाईयों का भाईचारा है। यहां की धरती से जो भी दुआएं मांगी जाती हैं, वह सब की कबूल होती है। चाहे जिस जाति का हो, चाहे जिस धर्म का हो। सारे धर्म के सारे जाति के देवी देवता यहां विराजमान हैं। हिंदू,मुस्लिम, सिख-ईसाई सबके जाति के देवी देवता है। यहां गंगा जमुना तहजीब है। अयोध्या नगरी धाम की मानी जाती है।