शहर के सामाजिक नागरिक वह हनुमानगढ़ी के पुजारी रमेश दास प्रत्येक दिन बंदरों की सेवा के लिए फल चना के साथ पूरी का भी प्रबंध करते हैं उनका कहना है कि मनुष्य तो अपनी भूख को लेकर किसी से भी मांग कर खा सकते हैं लेकिन यह जानवर किसी से मांग नहीं सकते और ना ही किसी के घर में जा सकते घर में जाते हैं तो भी उनके लिए दिक्कत बढ़ती है इसलिए इस संकट की घड़ी में जहां सभी लोग इंसानों की सेवा कर रहे हैं तो वहीं बेजुबान जानवरों की सेवा करना बहुत ही अच्छा लगता है क्योंकि भगवान ने सभी को बनाया है इसलिए रोज सुबह से लेकर शाम तक कुछ न कुछ बंदरों को जरूर खिलाते हैं और लोगों से भी कहते हैं घर से परिवार के भोजन के बीच कुछ भोजन बंदरों को भी दें।