अलीगढ़ में दंगा कैसे भडक़ा ? तत्कालीन श्रम मंत्री और बाबरी एक्शन कमेटी के संयोजक आजम खान ने बताया कि अलीगढ़ में नमाजी जुमे की नमाज अदा करके लौट रहे थे, तभी उनपर बमों से हमला हुआ और इसके बाद शहर में मारकाट शुरू हो गया।
जज साहब बनकर फोन किया और लगाया लाखों का चूना, वाइस क्लोनिंग से ऐसे रहे सतर्क
बुलंदशहर की वह दिल दहलाने वाली घटना बुलंदशहर जिले के जहांगीरपुर कस्बे में 22 लोगों को जिंदा जला देने की कोशिश की गई। जिसमें 15 लोगों की मौत हो गई। मृतकों में 9 बच्चे और दो महिलाएं थी। इस घटना से पहले ही दो वर्गो में तनाव चल रहा था। माहौल को बिगाडऩे के लिए वर्ग विशेष के लोगों ने बम धमाके किए, पथराव किया। पुलिस और प्रशासन लापरवाह था। जिसके बाद आसामाजिक तत्वों का हौसला बढ़ता गया और मामला धीरे-धीरे दंगों का शक्ल लेता गया।अब शुरू हुआ सत्याग्रह का दौर, लाखों कारसेवकों ने दी गिरफ्तारीखुर्जा में हुआ नरसंहार, आगरा भी चपेट में
बुलंदशहर के खुर्जा में हालात इतने बिगड़े की शवों की पहचान मुश्किल हो गई। दंगाईयों ने मारने के बाद उन शवों का पेट्रोल डालकर ऐसे जला दिया जिससे पहचाना न जा सके। डर के मारे लोग शवों को उठाने या अंतिम संस्कार करने ले जाने से बचने लगे। अलीगढ़ निवासी और पेशे से अध्यापक चौधरी जितेंद्र सिंह बताते हैं कि ऐसे ही समय में दंगों की जांच के लिए जामा मस्जिद के अब्दुल्ला बुखारी ने संयुक्त राष्ट्र संघ का दल बुलाने की मांग कर दी। जिसका देशभर में तीखा विरोध हुआ। कमोबेश यही हाल प्रदेश के विभिन्न शहरों का था। प्यार मुहब्बत का शहर कहा जाने वाला आगरा तीन दिन तक दंगों की आग में जलता रहा। करीब 50 से अधिक लोग मारे गए। जगह-जगह पुलिस को गोलियां चलानी पड़ी इसके बाद भी हालात बिगड़ते ही गए।बाबरी गुंबद को डायनामाईट से उड़ाने की साजिश, गिरफ्तार हुआ सुरेश बघेल
एटा में उमा भारती की हत्या की साजिशउत्तरप्रदेश में दंगों की शुरुआत एटा जिले के डूडवारा कस्बे से हुई थी। भाजपा की सांसद उमा भारती वहां पर भाषण देने जाने वाली थी। लेकिन उनके पहुंचने से पहले ही मामला बिगड़ गया। हांलाकि तत्कालीन प्रदेश सरकार ने किसी भी जांच दल को वहां नहीं भेजा लेकिन भाजपा के कल्याण सिंह और राजेंद्र कुमार गुप्त गए। अपनी जांच रिर्पोट में भारतीय जनता पार्टी के नेता कल्याण सिंह ने जो खुलासे किए उसी को सही मानकर प्रदेश सरकार ने कार्यवाही भीर किया। रिपोर्ट में कहा गया कि जब उमा भारती गंज डूडवारा जा रही थी तभी रास्तें में उनकी काफिले को आग के हवाले करने के लिए सडक़ों पर विष्फोटक बिछाया गया था। एक वर्ग विशेष के उपासना स्थल से उमा भारती पर हमले किए गए लेकिन वह बाल-बाल बच गई। जारी रखेंगे।