अयोध्या विकास प्राधिकरण द्वारा जारी प्रस्ताव संबंधी अुनरोध (आरएफपी) में अयोध्या के विकास के लिए बहुमूल्य राय देने वाले सलाहकारों को आमंत्रित किया गया है। प्राधिकरण ने टेंडर करने वाले को ऑनलाइन निविदा ई-टेंडर पोर्टल पर अपनी जानकारी उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। यह सलाहकार रामजन्मभूमि के अतिरिक्त अयोध्या में विकास कार्यों को लेकर अपनी राय देंगे। अंत में जिनकी राय प्राधिकरण को पसंद आएगी उन्हें वे मुख्य सलाहकार के रूप में नियुक्त करेंगे।
श्रीराम के दर्शन के लिए विभिन्न दिशाओं से अयोध्या आने वाले दर्शनार्थियों को जल्द ही सड़कों का प्रभावी और निर्बाध नेटवर्क मिलेगा। सड़कों के दोनों ओर शौचालय व पेयजल की व्यवस्था भी होगी। शनिवार को मुख्यमंत्री को अयोध्या धाम के समेकित पर्यटन विकास के संबंध में कराए जाने वाले कार्यों की रिपोर्ट पेश की गई। पर्यटन एवं संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव मुकेश मेश्राम ने योजना का ब्योरा पेश किया। इसमें भरत कुंड, सूर्य कुंड व नंदी ग्राम का तेजी से विकास कराने के साथ ही अयोध्या को सोलर सिटी के रूप में विकसित करने पर भी जोर दिया गया। बैठक में बताया गया कि अयोध्या में घाटों का पुनर्विकास एवं सौंदर्यीकरण और महंत रामचन्द्र दास परमहंस के समाधि स्थल का विकास कार्य हो रहा है। रामघाट स्टेशन के पास मुक्तिधाम का निर्माण कराया जा रहा है।
रिपोर्ट पेश होने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि धर्मनगरी के महत्व को ध्यान में रखकर केंद्र व राज्य सरकार अयोध्या को उसके प्राचीन गौरव के अनुरूप प्रतिष्ठित करने के लिए कृतसंकल्पित है। अयोध्या में इसको देखते हुए बड़े स्तर पर विकास कार्य कराए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि अयोध्या धाम विश्व के मानचित्र में बहुत महत्वूपर्ण स्थल है, पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं, प्रत्येक स्तर पर रोजगार के मौके भी हैं। यहां प्रशिक्षित गाइड की व्यवस्था भी होनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि चौरासी कोसी परिक्रमा मार्ग से संबंधित सभी काम तेजी से कराए जाएं। मखौड़ा धाम, बस्ती में पर्यटन संबंधी सभी काम निर्धारित समय सीमा में पूर्ण किए जाएं।