अयोध्या विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष विशाल सिंह ने बताया कि अयोध्या के लिए छह प्रवेश द्वार हैं। अयोध्या शहर को भव्य धार्मिक रूप देने के लिए सभी प्रवेश मार्गों पर भव्य द्वार या राम द्वार बनाए जाएंगे। यह पहल पवित्र शहर को एक छोटे से शहर से एक नए शहर में बदलने की योजना का एक हिस्सा है। यह आधुनिक सुविधाओं से लैस और संस्कृति के अनुकूल होगा। प्रमुख सचिव आवास एवं शहरी विकास दीपक कुमार के मुताबिक अयोध्या पर मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ के विजन डॉक्यूमेंट के लक्ष्य को समय पर पूरा करने के लिए युद्धस्तर पर कवायद जारी है। विभिन्न विभाग बुनियादी ढांचे को बढ़ाने और अयोध्या को विश्वस्तरीय शहर बनाने के विजन को जमीनी स्तर पर क्रियान्वित करने में लगे हैं। अयोध्या में अंतरराष्ट्रीय पर्यटन को विकसित करने का भी लक्ष्य है।
जैन संग्रहालय के लिए 1.43 करोड़ मंजूर योगी सरकार अयोध्या में जैन धर्मालम्बियों का बड़ा तीर्थ स्थल बनाने जा रही है। जैन परंपरा के सर्वप्रथम तीर्थंकर आदिनाथ (ऋषभदेव जी) सहित अन्य तीर्थंकरों का जन्म अयोध्या में ही हुआ था। इन 24 तीर्थंकरों में से 22 इक्ष्वाकु वंश के थे। योगी सरकार इन जैन तीर्थंकरों की विरासत को संवारेगी। जैन मंदिर प्रबंधक मनोज जैन ने बताया कि प्रथम तीर्थंकर की रामजन्मभूमि स्थित मंदिर परिसर में संग्रहालय और प्रजेंटेशन हाल बनाया जाएगा। इस पर कुल 4.43 करोड़ रुपए खर्च होंगे। इसे सरकार ने मंजूर कर लिया है।