Ayodhya 14 Kosi Parikrama : अयोध्या में 14 कोसी परिक्रमा 1 नवंबर से होगी शुरू, जानें इसका महत्व
Ayodhya chaudah kosi parikrama अयोध्या लगातार सुर्खियों में है। अभी दीपोत्सव बड़े धूमधाम से खत्म हुआ। अब 1 नवम्बर मंगलवार को अक्षय नवमी के दिन से अयोध्या में 14 कोसी परिक्रमा का शुरू होगी।
अयोध्या में 14 कोसी परिक्रमा 1 नवंबर से होगी शुरू, जानें इसका महत्व
अयोध्या लगातार सुर्खियों में है। अभी दीपोत्सव बड़े धूमधाम से खत्म हुआ। अब 1 नवम्बर मंगलवार को अक्षय नवमी के दिन से अयोध्या में 14 कोसी परिक्रमा का शुरू होगी। दो वर्ष से 14 कोसी परिक्रमा बाधित चल रही थी। पर इस बार रात्रि के 12.48 शुभ मुहूर्त पर 14 कोसी परिक्रमा शुरू होगी और बुधवार को यह परिक्रमा समाप्त होगी। अयोध्या की 14 कोसी परिक्रमा के महत्व के बारे में जानिए। इसके साथ ही अयोध्या में 14 कोसी परिक्रमा के लिए राम भक्त श्रद्धालुओं की भीड़ जुट गई है। इस भीड़ को सम्भालने के लिए अयोध्या जिला प्रशासन अलर्ट हो गया है। अयोध्या चौदहकोसी परिक्रमा की वजह से कुछ मार्गों से शहर में प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा। एक नवम्बर रात्रि आठ बजे से बजे से परिक्रमा समाप्ति तक अयोध्या में रूट डायवर्जन लागू रहेगा। तो इस रूट डायवर्जन का पालन कर ही अयोध्या जाएं नहीं तो दिक्कत में आ जाएंगे।
देव दीपावली को पूरा होता है अयोध्या में कल्पवास कार्तिक माह में बड़ी संख्या में श्रद्धालु अयोध्या में कल्पवास करते हैं और अक्षय नवमी के पुण्य तिथि पर अयोध्या में सीमा की परिक्रमा करते हैं। ऐसी मान्यता है कि, अक्षय नवमी पर किया गया पुण्य और पूजा से कई गुना लाभ मिलता है। एकादशी को अयोध्या में पंचकोसी परिक्रमा शुरू होगी। इस वर्ष राम मंदिर को देखने की लालसा के तहत श्रद्धालुओं की संख्या अधिक होगी। कार्तिक पूर्णिमा के दिन जिसे देव दीपावली भी कहा जाता है उस दिन सरयू स्नान कर दान कर कल्पवास पूरा किया जाता है।
अयोध्या की 14 कोसी परिक्रमा का अपना अलग महत्व है। मान्यता है कि अक्षय नवमी के दिन अयोध्या में भगवान राम की नगरी की परिक्रमा करने से प्राप्त हुआ पुण्य अक्षुण रहता है। 14 कोस मतलब लगभग 42 किमी की लंबी परिक्रमा होती है। जिसे रामभक्त श्रद्धा के साथ पूरा करते हैं।
यह भी पढ़े – अयोध्या के दीपोत्सव में रूसी रामलीला का होगा मंचन, दारिया बनेंगे हनुमान तो चेरन्याश रावण1 नवम्बर को शुरू होगी 14 कोसी परिक्रमा रामजन्म भूमि मंदिर पुजारी महंत सत्येंद्र दास ने बताया कि, 14 कोसी परिक्रमा 1 नवंबर तारीख से 12.48 पर रात में शुरू होगी और पूरे दिन चलेगी। इसको अक्षय नवमी कहते हैं। अक्षय नवमी के दिन की गई परिक्रमा कभी छय नहीं होती है। जन्म जन्मांतर में जो भी प्रायश्चित किया है एक कदम परिक्रमा चलने से वह सब के सब नष्ट हो जाते हैं। 14 कोस का अर्थ होता है जो हमारे 14 लोक है तल, अतल, वितल, स्वर्ग लोक, जन लोक, परलोक 14 लोक जाने जाते हैं। ये परिक्रमा करने वालों के जीवन और मरण की कोई समस्या नहीं होती। वह परमधाम को प्राप्त करता है।
अयोध्या 14 कोसी परिक्रमा के लिए रूट डायवर्जन लागू अयोध्या चौदह कोसी परिक्रमा के तहत मंगलवार रात्रि आठ बजे से रूट डायवर्जन लागू हो जाएगा। और परिक्रमा समाप्ति तक लागू रहेगा। यातायात क्षेत्राधिकारी प्रमोद यादव के अनुसार, अम्बेडकरनगर, गोसाईगंज से अयोध्या शहर आने वाले भारी वाहनों को गोसाईगंज तिराहे से भीटी चौराहा से पिपरी जलालपुर होकर सुल्तानपुर रोड होकर जाएंगे। टाण्डा मयाबाजार से आने वाले सभी प्रकार के वाहन को पूराबाजार तिराहे से इटौरा चौराहा होते हुए थाना पूराकलन्दर होकर सुल्तानपुर रोड पर जाएंगे। देवकाली बाईपास से दर्शननगर की तरफ सभी प्रकार के वाहनों का प्रवेश प्रतिबन्धित रहेगा।
सभी प्रकार के वाहनों का प्रवेश प्रतिबन्धित प्रमोद यादव के अनुसार, अग्रसेन चौराहा से रामनगर तिराहा की तरफ, मकबरा तिराहा से रामनगर तिराहा की तरफ, सहादतगंज बूथ नंबर-एक से सहादतगंज हनुमानगढ़ी व रोडवेज की तरफ, गुदड़ी चौराहा से धारा रोड, गुप्ता होटल तिराहा से गैस गोदाम, साकेत पेट्रोल पम्प से हनुमानगुफा, मोहबरा चौराहे से साथी तिराहा, बालूघाट बैरियर से रामघाट चौराहा, लकडमण्डी चौराहा से नयाघाट की तरफ सभी प्रकार के वाहनों का प्रवेश प्रतिबन्धित रहेगा।
इन मार्गों से अयोध्या के बाहर जाएं अयोध्या चौदहकोसी परिक्रमा की समयावधि में शहर क्षेत्र से बाहर जाने के लिए देवकाली बाईपास मार्ग का प्रयोग करेगें। अम्बेडकरनगर जिले से जाने वाले चार पहिया वाहन शांति चौक से होकर सुल्तानपुर रोड़ पूराकलन्दर थाने से पहले इटौरा चौराहा होकर पूराबाजार होते हुए जाएंगे।
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