मंदिरों की पहचान बनाए रखने की कोशिश उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग ने सुंदरीकरण के लिए प्रस्तावित जिन मंदिरों की सूची बनाई है, उनमें नागेश्वरनाथ, छोटी देवकाली, कालेराम मंदिर, रत्न सिंहासन, रामकचहरी, लक्ष्मणकिला और करतलिया भजनाश्रम समेत कई दूसरे मंदिर प्रमुख हैं। आपको बता दें कि भव्य नागेश्वरनाथ मंदिर का निर्माण दो हजार वर्ष पूर्व राजा विक्रमादित्य ने कराया था। इसकी गणना भगवान शंकर की पौराणिक पीठों में होती है। कालांतर में मंदिर का मंडप तो बचाए रखा गया, लेकिन दूसरा हिस्सा ध्वस्त हो गया। हालांकि इस बीच कामचलाऊ निर्माण कराते हुए मंदिरी की पहचान बनाए रखने की कोशिश जरूर होती रही।
इन मंदिरों का होगा संदरीकरण अयोध्या के छोटी देवकाली मंदिर को भी त्रेता युग का माना जाता है, लेकिन निर्माण के नाम पर यहां मां का छोटा सा गर्भगृह और उसके पास मंझोला सा मंडप है। कालेराम मंदिर भी यहां आस्था का केंद्र है। इस मंदिर का वास्तु साधारण है। संकरी गलियों से घिरे कालेराम मंदिर को दर्शनीय बनाना पर्यटन विभाग के लिए किसी चमत्कार से कम नहीं होगा। इसी तरह लक्ष्मणकिला और करतलिया भजनाश्रम जैसे मंदिरों को सरयू तट के प्रतिनिधि मंदिरों में माना जाता है।
पर्यटन विभाग ने बनाई मंदिरों की सूची अयोध्या के महापौर ऋषिकेश उपाध्याय और विधायक वेदप्रकाश गुप्ता के मुताबिक दिव्य रामनगरी के निर्माण के प्रयासों के तहत आने वाले दिनों में जिन योजनाओं पर अमल होना है, उनमें यहां के प्रमुख और पौराणिक महत्व वाले मंदिरों का सुंदरीकरण भी शामिल है। जानकारी के मुताबिक पर्यटन विभाग ने मंदिरों की सूची भी तैयार कर ली है। जल्द ही उनके रख-रखाव और सुंदरीकरण का काम भी शुरू होगा।