भारत से पहले पड़ोसी देश पहुंची टेस्ला ईवी, जानिए कीमत और पूरी जानकारी
इस वर्ष भारत में टेस्ला इलेक्ट्रिक व्हीकल्स आने की कही गई है बात।
हालांकि भारत से पहले, नेपाल में टेस्ला की इलेक्ट्रिक कारें पहुंच गई हैं।
7 टेस्ला इलेक्ट्रिक कारों में चार मॉडल X लॉन्ग रेंज और तीन मॉडल 3 हैं।
Tesla EV reaches Nepal before India, check all details here
कठमांडू। यों तो इलेक्ट्रिक वाहन की मशहूर अमरीकी कंपनी टेस्ला का भारतीय बाजार में प्रवेश करना अभी बाकी है, लेकिन पड़ोसी देश नेपाल में इसके इलेक्ट्रिक वाहन पहले ही पहुंच चुके हैं। वह भी इस तथ्य के बावजूद कि टेस्ला कंपनी, ने आधिकारिक तौर पर यहां अपनी शुरुआत नहीं की है।
कार चालकों के लिए काम की वो 7 बातें, जिन्हें हमेशा करेंगे फॉलो तो हर सफर रहेगा सुहाना यहां इलेक्ट्रिक वाहनों की मार्केटिंग संभालने वाली संस्था एआरटीई इंटरनेशनल के एक अधिकारी के अनुसार, लगभग सात टेस्ला इलेक्ट्रिक वाहन, जिनमें चार मॉडल एक्स लॉन्ग रेंज और तीन मॉडल 3 स्टैंडर्ड रेंज हैं, 2020 में हिमालयी देश नेपाल में पहुंच चुकी हैं। इनमें से पांच पहले ही यहां बेची जा चुकी हैं।
अगर बात करें इनकी एक्स-शोरूम कीमतों की तो मॉडल एक्स लांग रेंज की कीमत 3.5 करोड़ नेपाली रुपये (लगभग 2.18 करोड़ भारतीय रुपये) और मॉडल 3 के दाम 1.25 करोड़ नेपाली रुपये (लगभग 78 लाख भारतीय रुपये) हैं। नेपाल में आने वाले इलेक्ट्रिक वाहनों को ऑटोमोबाइल डीलर श्रीमा डिस्ट्रीब्यूटर्स और ARETE इंटरनेशनल द्वारा दक्षिण चीन के एग्जिम लिमिटड, हांगकांग से आयात किया गया है।
हिमालयन टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार नेपाल के चालू वित्त वर्ष के बजट में एक नई नीति पेश की गई थी जो किसी भी ऑटो डीलर को 30 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क देकर किसी भी ब्रांड के वाहन का आयात करने की अनुमति देती है।
वर्तमान में काठमांडू, नेपाल स्थित वन दरबार मॉल में एक मॉडल एक्स को प्रदर्शन के लिए रखा गया है, जहां सभी संभावित ग्राहक ARETE इंटरनेशनल के अधिकारियों से टेस्ला इलेक्ट्रिक कारों के बारे में सभी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
भारी-भरकम कीमत वाले मॉडल एक्स की तुलना में मॉडल 3 अधिक पसंदीदा मॉडल है। एक अधिकारी ने नाम ना छापने की शर्त पर कहा, “देश में आयातित चार मॉडल एक्स में से दो बेचे जा चुके हैं। अन्य दो अभी भी कार की ऊंची कीमत के कारण बिक नहीं सके हैं।”
गौरतलब है कि हिमालयी देश यानी नेपाल के पास कोई पब्लिक चार्जिंग का बुनियादी ढांचा नहीं है और यहां इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने वालों को अपने घरों पर इसे चार्ज करना पड़ता है।