क्यों कही ये बड़ी बात?
भाविश को लगता है कि बोरिंग कंपनी टेस्ला के संस्थापक के पास भारत आने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा, जब देश विद्युतीकरण का वैश्विक केंद्र बन जाएगा। यानी बात साफ है, कि भारत में आने का न्यौता देने के बजाय हमें देश में इलेक्ट्रिक वाहनों पर इस कदर काम करना चाहिए कि यह ईवी का वैश्विक केंद्र बन जाए। इनका मानना है, कि “कोई भी कंपनी दुनिया में गतिशीलता नहीं ला सकती है। न टेस्ला, न ओला। इसलिए हमारा ध्यान अपने समुदायों को सशक्त बनाने और भारत और दुनिया के लिए विद्युतीकरण के निर्माण पर है।
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Ola Vs Tesla ?
अग्रवाल का कहना है, कि एक बार कंपनी ने मील का पत्थर हासिल कर लिया तो मस्क भारत अपने आप आ जाएंगे। दिलचस्प बात यह है कि यह पहली बार नहीं है जब ओला के सीईओ ने मस्क की भारत में टेस्ला कारों को पेश करने की योजना के बारे में बात की है। पिछले साल कंपनी के इलेक्ट्रिक स्कूटर के लॉन्च के मौके पर पत्रकारों से बात करते हुए अग्रवाल ने मस्क का भारत में स्वागत किया था। उन्होंने कहा था, कि “मैं भारत में उस सज्जन का स्वागत करता हूं … आप जानते हैं कि प्रतिस्पर्धा अच्छी है,
ओला इलेक्ट्रिक Autonomous Vehicle का परीक्षण शुरू कर चुकी है, जिसे वह 2023 के अंत या 2024 की शुरुआत में वैश्विक बाजार में लॉन्च करेगी। भाविश पहले ही मीडिया एजेंसी को बता चुके हैं, कि लम्बे-लम्बे वादों और बहुत सारी टाल-मटोल के बावजूद, टेस्ला को “सरकार के साथ चुनौतियों” के बीच भारत आना बाकी है, वहीं ओला के इलेक्ट्रिक कार योजनाओं पर गौर करें तो यह सीधे तौर पर Tesla को भारत में चुनौती देंगी।