Budget 2020 : इन वजहों से मंदी की चपेट में आया ऑटोमोबाइल सेक्टर, बजट से मिल सकती है राहत ये हैं ऑटोमोबाइल सेक्टर की अहम मांगे इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड कारों के निजी खरीदारों को प्रोत्साहन : ऑटोमोबाइल सेक्टर की डिमांड है सरकार इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड कारों के निजी खरीदारों को प्रोत्साहित करे। इसके अलावा जो लोग इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड वाहनों के विनिर्माण और विनिर्माण क्षेत्र में व्यावसायिक उपयोग के लिए अपने वाहनों को लगाते हैं उन्हें भी प्रोत्साहन मिले। ( FAME) योजना। यह वाहन की बिक्री बढ़ाने और ईवी और हाइब्रिड वाहनों की मांग को बढ़ाने के लिए किया जाना चाहिए।
हाइब्रिड कारों पर कम GST और CESS : हाइब्रिड कारों पर नॉर्मल कारों से ज्यादा टैक्स देना पड़ता है ( GST on EVs )। सिर्फ जीएसटी ही नहीं बल्कि हाइब्रिड कारों पर सेस ( CESS ) भी देना पड़ता है। इन कारों पर कुल मिलाकर 43% टैक्स देना पड़ता है। इस टैक्स में 5% का जीएसटी है। ऑटोमोबाइल सेक्टर को बजट से उम्मीद है कि हाइब्रिड कारों पर जीएसटी को 28% से 18% तक कम करना चाहिए या फिर 15% सेस कम करना होगा।
वाहनों पर GST कटौती : ऑटोमोबाइल सेक्टर की मांग है ( Auto Industry Expectations ) कि बजट 2020 में अप्रैल से लागू होने वाले BSVI नॉर्म्स की वजह से वाहनों की कीमत में जो बढ़ोतरी हुई है उसे GST में कटौती (वाहनों पर) करके कम किया जाए। मौजूदा 28% GST को 18% कर दिया जाना चाहिए जिससे लोगों की जेब पर वाहनों की खरीद के दौरान बोझ कम पड़े।
प्रोत्साहन आधारित स्क्रैपेज नीति : भारतीय सड़कों पर कई साल से ऐसे वाहन मौजूद हैं जो बेहद ही पुराने हैं और काफी ज्यादा प्रदूषण फैलाते हैं। ऐसे वाहनों को सड़क पर से हटाने के लिए हर प्रदेश की सरकारें कदम उठा चुकी हैं लेकिन ऑटोमोबाइल सेक्टर को उम्मीद है कि बजट 2020 ( Budget 2020 ) में स्क्रैपेज को बढ़ावा देने के लिए नई नीति लाई जानी चाहिए जिससे ना सिर्फ आउटडेटेड प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को सड़क पर से हटाया जा सके बल्कि लोगों को भी फायदा पहुंच सके जिससे प्रदूषण में कमी लाने में मदद मिल सके।
Kia seltos को टक्कर देगी Skoda vision in, स्केच के बाद सामने आई नई जानकारी लिथियम-आयन बैटरी सेल्स पर इम्पोर्ट ड्यूटी ख़त्म हो : ऑटोमोबाइल सेक्टर की डिमांड है कि देश में इलेक्ट्रिक वाहनों की लिथियम-आयन बैटरी सेल्स पर इम्पोर्ट ड्यूटी ख़त्म कर दी जाए जिससे ईवी को भारत में बेहद कम कीमत में खरीदना आसान हो सके। आपको बता दें कि अभी भारत में इलेक्ट्रिक वाहन काफी महंगे मिल रहे हैं।