चार्जिंग: इलेक्ट्रिक कारों में लीथियम आयन बैटरी का इस्तेमाल किया जाता है जो चार्ज होने में 4 घंटे या इससे ज्यादा का समय लेते हैं। कार कंपनियां चाहे कितनी भी फास्ट चार्जिंग का दावा क्यों ना कर लें, इन कारों को चार्ज होने में काफी समय लगता है। ऐसे में अगर कार डिस्चार्ज है और आपको कहीं जाना है तो आपको कार से जाने का प्लान ड्रॉप करना पड़ेगा।
रख-रखाव: लोग ऐसा सोचते हैं कि इलेक्ट्रिक कारों की सर्विसिंग नहीं होती होगी लेकिन ऐसा ज़रा सा भी नहीं है। इलेक्ट्रिक कारों की सर्विसिंग बेहद ही जरूरी होती है और इसमें आम कार की सर्विसिंग से ज्यादा खर्च आता है।
स्पीड: अगर आप स्पीड में कार चलाने के शौक़ीन हैं तो आपको बता दें कि इलेक्ट्रिक कारों में वैसे तो पेट्रोल डीजल कारों से कम स्पीड मिलती है लेकिन फिरभी ये ठीक-ठाक होती है, लेकिन अगर आप इस कार को हाई-स्पीड में चलातें तो इससे बैटरी तेजी से खर्च होती है।
क्षमता: इलेक्ट्रिक कार में अगर आप ज्यादा लोगों को बैठाते हैं तो इससे आपकी कार की स्पीड पर तो असर पड़ता ही है साथ ही इससे कार की मोटर पर भी जोर पड़ता है।