उन्होंने कहा कि भारत के संविधान की प्रस्तावना में सभी नागरिकों के लिए न्याय, स्वतंत्रता और समानता की गारंटी है। पंथनिरपेक्षता और समाजवाद के लिए प्रतिबद्धता है। भाजपा सरकार ने संविधान की मूल आत्मा पर ही आघात करने का काम किया है। उसे समाजवाद से चिढ़ है और उसकी नीयत समाज को बांटने तथा नफरत का जहर फैलाने की है। सत्ता के लिए एकाधिकारी प्रवृत्ति के साथ भाजपा ने लोकतांत्रिक मूल्यों और संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर करने का काम किया है।
ये भी पढ़ें- सपा-बसपा गठबंधन ने छोड़ी अमेठी-रायबरेली, तो कांग्रेस भी छोड़ सकती है कुछ सीटें, दोस्ताना चुनावी लड़ाई मुमकिन भाजपा के रहते स्वतंत्रता आंदोलन के मूल्य नहीं रह सकते सुरक्षित- अखिलेश याजव ने कहा कि भाजपा ने सामाजिक और आर्थिक न्याय के सिद्धांतों की अवहेलना के साथ लोगों को संविधान प्रदत्त अधिकारों से वंचित करने की ठान ली है। व्यक्ति को गरिमा के साथ जीने और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर नियंत्रण और अवमूल्यन किया जा रहा है। भाजपा के रहते भारत की स्वतंत्रता आंदोलन के मूल्य सुरक्षित नहीं रह सकते हैं।
हजारों लोगों ने दी कुर्बानियां- सपा अध्यक्ष ने कहा कि भारत को आजादी बड़े संघर्षों के बाद मिली है। हजारों लोगों ने इसके लिए कुर्बानियां दी हैं। समाजवादी स्वतंत्रता संग्राम और भारत की स्वाधीनता के बाद दलितों, पिछड़ों, अल्पसंख्यकों, महिलाओं, छात्रों-नौजवानों को अधिकार दिलाने के लिए निरन्तर आवाज बुलंद करते रहे। भारत के संविधान के अनुसार देश का हर व्यक्ति गरिमा और सम्मान से जीवन व्यतीत करने का अधिकार प्राप्त है।