इसके कारण शनि का गोचर किसी राशि से शनि की ढैय्या और साढ़ेसाती समाप्त करता है तो किसी राशि पर शुरू करता है। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार हर व्यक्ति के जीवन में कम से कम एक बार शनि की ढैय्या और साढ़ेसाती जरूर आती है। वैसे तो यह अशुभ ग्रह माना जाता है लेकिन ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यह कर्म का फल देने वाले दंडाधिकारी हैं और ये अच्छे काम का अच्छा फल देते हैं और वर्ना प्रकोप झेलना पड़ता है और रंक को राजा बना देते हैं।
2025 में मेष राशि पर शनि की साढ़ेसाती (Sadesati on Mesh Rashi)
अब 29 मार्च 2025 को शनि गोचर करेंगे और शनि कुंभ राशि से निकलकर मीन राशि में प्रवेश करेंगे। इसी के साथ मकर राशि से साढ़ेसाती समाप्त हो जाएगी और मेष राशि वालों पर शनि की साढ़ेसाती शुरू हो जाएगी। शनि की साढ़ेसाती लगने से जातक को जीवन में कई तरह की समस्याओं और अड़चनों का सामना करना पड़ता है। इनके कार्य पूरे नहीं हो पाते हैं और बहुत प्रयास करने के बाद भी मुश्किल से सफलता मिलती है। और मेष राशि के लोगों को भी अब तैयार रहना होगा। हालांकि, कुछ ज्योतिषीय उपायों से शनि की साढ़ेसाती के प्रभाव को कम किया जा सकता है।Rahu Ketu Gochar 2025: नए साल में राहु केतु बदलेंगे राशि, 3 राशियों का शुरू होगा गोल्डन टाइम