कुछ गांवों में बुधवार को मनाया धनतेरस
इस बार दो दिन दीवाली मनाई जाएगी। कई गांव में लोग 31 अक्टूबर और कई गांवों में दिवाली एक नवंबर को मनाई जाएगी। हालांकि जिले के कुछ गांवों में बुधवार को धनतेरस मनाया गया।धनतेरस के साथ दीपोत्सव शुरू, सोना-चांदी, इलेक्ट्रांनिक्स और वाहनों की जमकर हुई बिक्री
पूजन सामग्री की जमकर हुई बिक्री
दिवाली पर पूजा में मां लक्ष्मी को मिठाई के साथ बताशा और लाई का भोग लगाना शुभ माना जाता है। बाजार में बताशा, लाई, सिंघाड़ा सहित माता की प्रतिमा, फोटो आदि की अच्छी बिक्री हो रही है। लक्ष्मी पूजा के दिन गुरुवार को ज्यादा खरीदारी होगी।आधी रात को रचाएंगे गौरा-गौरी का विवाह
नगर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में दिवाली पर भगवान गौरा और माता गौरी को जगाने की परंपरा है। यह रिवाज आदिवासी समाज का है, जिसे हर वर्ग मनाता है। आदिवासी समाज की महिलाओं ने पारंपरिक गौरा गौरी गीतों के साथ गौरा-गौरी जगाया। दिवाली की आधी रात गौरा गौरी का विवाह भी रचाएंगे।धनतेरस पर घरों में जलेंगे 13 दीये, सोने-चांदी के जेवरात और बर्तनों की होगी खरीदारी
कुछ जरूरी बातें, जिसे याद रखना जरूरी
दिवाली पर हम कुछ ऐसा करें कि रौशनी का पर्व हमारे साथ दूसरों के लिए खुशी बनकर आए। एक-दूसरे के साथ खुशियां बांटें। लोगों को हमारी मदद की जरूरत हो तो पीछे हटने की बजाय आगे बढ़कर सहायता करें। खूब आतिशबाजी होगी। पटाखे चलाते समय हमेशा सावधानी रखें। किसी भी अनहोनी से निपटने हेल्पलाइन नंबर फस्र्ट एड बॉक्स जैसी चीजें जरूर रखें।पटाखे जलाते समय इन बातों का रखें ध्यान
पटाखे हमेशा खुली जगह पर चलाएं।पास में पानी की बाल्टी या रेत जरूर रखें।
पटाखे चलाते वक्त आसपास ज्वलनशील पदार्थ न हो।
पटाखे जलाते समय बच्चों के साथ बड़ा व्यक्ति जरूर रहे।
पटाखे किसी लंबी लकड़ी या मोमबत्ती के सहारे जलाएं।
एक बार में एक ही पटाखा जलाएं।
पटाखे में आग न लगे तो दोबारा जलाने की कोशिश ना करें। उसे हाथ से उठाने की बजाय पानी डाल दें।
पटाखे जलाते समय सूती के कपड़े पहने।
कोई जल या झुलस जाए तो उसे तत्काल ठंडी जगह पर ले जाएं और जितनी जल्दी हो नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती करें।
यह नंबर भी रखें याद
पुलिस कंट्रोल रूम 07749-223807कंट्रोल रूम 100, 112
कोतवाली थाना बालोद 07749-220003
नगर पालिका बालोद 07749-222008
जिला अस्पताल बालोद 07749-223924
फायर ब्रिगेड कंट्रोल रूम 07749-223807