दानः मान्यता है कि माघ पूर्णिमा पर दान का बत्तीस गुना फल मिलता है, इसलिए इसे बत्तीसी पूर्णिमा भी कहते हैं।
स्नानः मान्यता है कि प्रयाग में माघ महीने की तीन विशिष्ट तिथियों पर संगम स्नान से मिलने वाला फल पृथ्वी पर दस हजार अश्वमेध यज्ञ करने से भी अधिक होता है। इसके पीछे की वजह बताई जाती है कि माघ महीने में ब्रह्मा, विष्णु, महेश, रूद्र, आदित्य आदि देवता प्रयागराज में गमन करते हैं।
कल्पवासः मान्यता है कि माघ महीने गंगा किनारे कल्पवास करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।
माधव पूजाः माघ में गंगा स्नान कर भगवान माधव की पूजा करने वालों पर भगवान माधव की कृपा प्राप्त होती है। भक्त को सुख सौभाग्य, संतान और मोक्ष प्रदान करते हैं।
माघ पूर्णिमा (Magh Purnima Upay 2023) पर यह करें
1. ब्रह्म मुहूर्त में पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए, नदी नहीं है तो पानी में गंगाजल डालकर स्नान करना चाहिए।
2. स्नान के बाद सूर्य को अर्घ्य अर्पित करें, अर्घ्य अर्पित करते हुए भगवान सूर्य के मंत्र भी बोलें।
3. इसके बाद श्री हरि विष्णु की पूजा करें।
4. माघ पूर्णिमा पर स्नान के बाद काले तिल का दान जरूर करें।
5. पूजा और व्रत के बाद किसी गरीब को भोजन कराकर दक्षिणा जरूर दें।
6. माघ माह में काले तिल से हवन, काले तिल से पितरों का तर्पण करना चाहिए।
माघ पूर्णिमा (Magh Purnima 2023) पर विशेष योग
आयुष्मान योगः माघ पूर्णिमा पर दोपहर 2.42 तक आयुष्मान योग बन रहा है।सौभाग्य योगः माघ पूर्णिमा पर दोपहर 2.42 के बाद सौभाग्य योग शुरू हो रहा है।
रवि पुष्य योगः सुबह 7.07 से दोपहर 12.13 बजे तक रहेगा।
सर्वार्थ सिद्धि योग: सुबह 7.07 से शुरू होकर दोपहर 12.12 बजे तक रहेगा।