हालांकि, इस बार तालिबान का कहना है कि उसने पंजशीर पर कब्जे के लिए बड़ेे हमले की तैयारी कर ली है। उसके सैंकड़ों लड़ाके पंजशीर घाटी की ओर बढ़ रहे हैं। तालिबान और अहमद मसूद की सेना के बीच जंग करीब-करीब शुरू हो चुकी है और दावा किया जा रहा है अहमद मसूद की सेना ने तालिबान के 300 लड़ाकों को मार गिराया है। यही नहीं, टोटो न्यूज चैनल की रिपोर्ट के अनुसार, अहमद मसूद की सेना के अलावा बगलान प्र्रांत में स्थानीय विद्रोही बलों ने मिलकर तालिबान के कब्जे से तीन जिलों को मुक्त करा लिया है।
तालिबान ने चेतावनी दी है कि अगर अहमद मसूद की सेना ने शांतिपूर्ण ढंग से आत्मसमर्पण नहीं किया, तो उन पर और घातक हमला किया जाएगा। तालिबानी की इस गीदड़भभकी पर अहमद मसूद ने करारा जवाब दिया है। तालिबान की चेतावनी को नजरअंदाज करते हुए अपनी खास स्टाइल में अहमद मसूद की सेना ने तालिबान के 300 लड़ाकों को मार गिराया।
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माना जा रहा है कि यह अभी तक तालिबान के लिए सबसे बड़ा नुकसान है। इसके पहले अफगानिस्तान पर कब्जे के दौरान वहां की सेना ने तालिबान पर हमला किया था जिसमें करीब ढाई सौ आतंकियों के मारे जाने का दावा किया गया था। यह पहली बार है, जब तीन सौ आतंकी मारे गए हैं।
अफगानिस्तान के टीवी चैनल टोलो न्यूज ने दावा किया है कि पंजशीर के लड़ाकों ने तालिबान पर रास्ते में घात लगाकर हमला किया, जिसमें 300 आतंकी मारे गए। तालिबान ने अफगानिस्तान के 33 प्रांतों पर कब्जा कर लिया है। अकेला पंजशीर प्रांत ऐसा है, जहां तालिबान कब्जा नहीं जमा सका है। पंजशीर से सटे बगलान प्रांत के अंदराब जिले में बीती रात बड़ी संख्या में तलिबानी लड़ाकों ने हमला किया था। यहां कई लोगों के मारे जाने की खबर है। हमले को देखते हुए बगलान के देह सलाह जिले में विद्रोही लड़ाकों ने जुटना शुरू कर दिया है।
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पंजशीर में अहमद शाह मसूद के बेटे अहमद मसूद और खुद को अफगानिस्तान का केयरटेकर राष्ट्रपति घोषित कर चुके अमरुल्लाह सालेह तालिबान को कड़ी टक्कर दे रहे हैं। अकेला पंजशीर प्रांत है, जहां तालिबान के खिलाफ नया नेतृत्व बन रहा है, जो तालिबान की सत्ता को मानने से इनकार कर रहा है।