यहां पर घर-घर में तलाशी अभियान जारी है। हर घर से 15 साल से अधिक उम्र की लड़कियों को शादी के लिए खोजा जा रहा है। उनका कहना है कि वह किसी तरह से देश छोड़ने में कामयाब रहीं, मगर उनकी एक दोस्ते अभी भी यहां पर फंसी हुई है।
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मैके का कहना है कि आखिर किस तरह अब महिलाएं अपने अधिकारों के लिए अवाज उठाएंगी, जबकि यहां पर आराजकता जैसे हालात बने हुए हैं। वे हाल ही में एक 14 साल की बच्ची से मिलीं जो काबुल में तालिबान से भागकर एक शरणार्थी शिवर में रह रही थी। उसका कहना था कि वह बड़े ओकर डॉक्टर बनना चाहती है। मगर देश के हालात बिगड़ते जा रहे हैं।
वहीं सामाजिक कार्यकर्ता फराह ऐसर ने बातचीत में मैके को बताया कि हालात बेहद खराब हैं। बच्चियों को जबरदस्ती घर से उठा लिया जा रहा है। उनके माता-पिता पर दबाव बनाया जा रहा है कि वे शादी को राजी हो जाएं। फराह ने कहा कि मेरी सभी दोस्त जिन्होंने देश छोड़ दिया है, वह मुझसे यहां से निकलने का आग्रह कर रही हैं। इस पर फराह का कहना है कि वह किस तरह से अपने परिवार को अकेला छोड़कर जा सकती हैं।
फराह ने बताया कि तालिबान बिल्कुल नहीं बदला है। उसका रवैया पहले की तरह बना हुआ है। खासकर महिलाओं को लेकर वह ज्यादा क्रूरता दिखा रहा है। घर-घर तलाशी अभियान जारी है और छोटी बच्चियों को शादी के लिए मजबूर किया जा रहा है। एक मामले में 21 वर्षीय महिला को जबरदस्ती घर से उठा लिया और तालिबान लड़ाके से उसकी शादी करा दी गई। इसके बाद उसे कड़ी यातनाएं दी गईं।
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पत्रकार मैके ने कहा कि अमरीकी सेना के जाने के बाद महिलाओं की ऐसी दुर्दशा होगी, ये किसी ने सपने भी नहीं सोचा था। तालिबान ने पूरे शहर में दहशत का माहौल बना दिया। बहुत कम महिलाएं जब घर से बाहर निकलती हैं तो वह पूरे तरह से बुर्के से ढंकी हुई होती हैं। शहर का नजारा देखकर ऐसा लगता है जैसे देश किसी भयंकर त्रासदी से गुजर रहा है।