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अफगान सेना को भारत ने 2019 में दिया था Mi-24 हेलीकॉप्टर, अब तालिबान ने किया कब्जा

अफगान सेना के साथ जारी संघर्ष के बीच तालिबान ने अफगान वायु सेना के Mi-24 हेलीकॉप्टर पर कब्जा जमा लिया है। भारत ने अफगान सेना को यह हेलीकॉप्टर गिफ्ट के तौर पर 2019 में दिया था।

Aug 11, 2021 / 09:35 pm

Anil Kumar

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Taliban Captured Mi-24 Helicopter That Given To Afghan army By India In 2019

काबुल। अफगानिस्तान में लगातार हालात खराब होते जा रहे हैं और अमरीकी सैनिकों की वापसी के बाद से तालिबान अपना पैर पसारते हुए मुख्य शहरों पर कब्जा जमाता जा रहा है। अफगान सेना और तालिबान में जारी संघर्ष के बीच तालिबान ने अफगान वायु सेना के Mi-24 हेलीकॉप्टर पर कब्जा जमा लिया है।

सबसे बड़ी बात कि अफगान सेना को यह हेलीकॉप्टर 2019 में भारती सेना ने तोहफे में दिया था। हालांकि, बताया जा रहा है अभी हेलिकॉप्‍टर की स्थिति खराब है और उड़ान भरने की स्थिति में नहीं है। अफगान वायु सेना ने हेलीकॉप्‍टर से जरूरी उपकरण और इंजन के हिस्‍से पहले ही निकाल लिए थे।

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सूत्रों के मुताबिक, 25 दिसंबर 2016 को पीएम नरेंद्र मोदी की अफगानिस्तान यात्रा के दौरान भारत ने अफगान सेना को चार Mi-24 हेलीकॉप्‍टर गिफ्ट में दिए थे। इसके बाद 2019 में दो और हेलीकॉप्‍टर दिए थे। इस हेलीकॉप्टर के एक्‍सपोर्ट वैरिएंट को Mi-35 कहा जाता था और इनका निर्माण रूस में हुआ था। रूसी वायु सेना ने इस खास हेलीकॉप्‍टर को 1972 में इस्‍तेमाल करना शुरू किया था। इस हैलीकॉप्टर में एक बार में आठ लोग आसानी से बैठ सकते हैं। ये 21.6 मीटर लंबा और 6.5 मीटर ऊंचा है, यह 2400 किग्रा पेलोड को लेकर आसानी से उड़ान भर सकता था।

इस हेलीकॉप्‍टर में 23 एमएम की डबल बैरल जीएसएच 23वी कैनन लगाई जा सकती है, जिससे एक मिनट में 3500 राउंड फायर हो सकते हैं। इसमें एंटी टैंक मिसाइल, रॉकेट, गन और एक्‍स्‍ट्रा फ्यूल टैंक को लगाने की सुविधा भी उपलब्ध है।

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पांच दिन में 9 प्रांतों की राजधानियों पर तालिबान का कब्जा

मालूम हो कि आक्रामक हो चुका तालिबान बीते पांच दिनों में अफगानिस्तान के 9 बड़े प्रांतों की राजधानियों पर कब्जा जमा चुका है। जानकारी के मुताबिक, तालिबान ने मंगलवार को तीन बड़े शहरों ( पुल-ई-खुमरी, फैजाबाद और फराह ) पर कब्जा हासिल कर लिया। अब तालिबान की नजर यहां के चौथे सबसे बड़े शहर मजार ए शरीफ पर है। इससे पहले तालिबान ने 6 प्रांतीय राजधानियों पर कब्जा किया था। इसमें समांगन प्रांत, कुंदूज, सर-ए-पोल, तालोकान शामिल है।

वहीं, दक्षिण में ईरान की सीमा से लगे निमरोज प्रांत की राजधानी जरांज, उजबेकिस्तान और तुर्कमेनिस्तान सीमा से लगे नोवज्जान प्रांत की राजधानी शबरघान पर भी भीषण लड़ाई के बाद तालिबान ने कब्जा जमा लिया है। इसके साथ ही अफगानिस्‍तान के करीब 65 फीसदी हिस्सों पर तालिबान का कब्‍जा हो गया है।

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जरांज वही इलाका है, जहां पर करोड़ों रुपये खर्च करके आधुनिक सिल्‍क रोड बनाने का भारत का सपना है। भारत के लिए यह बहुत ही खास है, क्योंकि भारत ने ईरान के चाबहार बंदरगाह के रास्‍ते जारंज शहर होते हुए मध्‍य एशिया के तेल और गैस समृद्ध देशों तजिकिस्‍तान, उज्‍बेकिस्‍तान और किर्गिस्‍तान से जुड़ने का सपना देखा था।

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