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निगरानी सूची में शामिल है पाकिस्तान
इस खतरे से बचने के लिए पाकिस्तान ने अपने अंतरिम वित्त मंत्री शमशाद अख्तर को पेरिस में होने वाली फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की बैठक से पहले वहां भेजा दिया है। फिलहाल अभी पाकिस्तान इस सूची में शामिल नहीं हुआ है। अभी उसे निगरानी सूची में रखा गया है। पाक को इस सूची में शामिल किया जा सकता है इसे लेकर पेरिस में फरवरी में हुई बैठक में चेतावनी दी गई थी।
जून में होने वाली है बड़ी बैठक
वहीं, एफएटीएफ के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जून में इस मुद्दे को लेकर बैठक होने वाली है। इस बैठक में पाकिस्तान को लेकर कड़ा फैसला लिया जा सकता है। बता दें कि छह दिवसीय बैठक इसी हफ्ते शुरू होगी। आतंकवाद को मदद मुहैया कराने की वजह से पाकिस्तान 2012 से 2015 तक एफएटीएफ की ग्रे सूची में पहले ही रह चुका है। अगर पाकिस्तान एफएटीएफ की ग्रे या ब्लैक लिस्ट में शामिल हो गया तो उसे अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं से कर्ज मिलने में दिक्कते आ सकती है। यही नहीं बहुराष्ट्रीय कंपनियों के निवेश पर भी विपरीत असर पड़ता है।
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क्या है एफएटीर?
आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले देश का नाम इस सूची में लिया जाए यान नहीं इसका निर्णय अंतर सरकारी संस्था एफएटीऱ करती है। इस संस्था का गठन 1989 में किया गया था। बता दें कि यह संस्था धन को अवैध तरीके से एक देश से दूसरे देश भेजने, आतंकवाद को आर्थिक मदद देने पर नजर रखता है। साथ ही वैश्विक आर्थिक ढांचे के लिए अन्य खतरनाक तरीकों पर भी उनकी नजर होती है।