दरअसल, 5 अगस्त 2019 को भारत सरकार ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 ( Scraped Article 370 ) के विशेष प्रावधान को खत्म करते हुए केंद्र शासित प्रदेश घोषित किया था। इससे पाकिस्तान को बहुत बड़ा झटका लगा है। पाकिस्तान कश्मीर के कुछ हिस्सों पर अवैध कब्जा जमा रखा है और दावा करता है कि पूरा कश्मीर उनका है। लेकिन अब जब से आर्टिकल 370 खत्म हुआ है पाकिस्तान बौखला गया है। यही कारण है कि लगातार भारत के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर प्रोपेगैंडा चलाने की कोशिश की लेकिन कामयाब नहीं हुए।
इसलिए सुर्खियों में है 5 अगस्त की तारीख, 370 के बाद अब राम मंदिर की तैयारी
अब इसी कड़ी में जब भारत अनुच्छेद 370 हटाने के एक साल पूरे होने के मौके पर कई तरह के विशेष कार्यक्रम देशभर में आयोजित करेगी, तो वहीं पाकिस्तान की इमरान सरकार अनुच्छेद 370 हटाने का विरोध करने के लिए पाकिस्तान में कई तरह के कार्यक्रम आयोजित करेगी। इतना ही नहीं इमरान सरकार ( Imran Khan Government ) ने इसके लिए 18 सूत्री एक प्लान भी तैयार किया है, जिसे 5 अगस्त के दिन भारत विरोधी एजेंडे के तौर पर लागू किया जाएगा।
ये है पाकिस्तान के 5 अगस्त का प्लान
बता दें कि 18-सूत्रीय कार्यक्रम ( 18-point program ) में इमरान खान का पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर ( Pakistan Occupied Kashmir ) का दौरा भी शामिल है। वे पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर स्थित मुजफ्फराबाद विधानसभा को संबोधित भी करेंगे। इस भाषण का प्रसारण लाइव किया जाएगा, ताकि दुनिया तक पाकिस्तान की आवाज पहुंच सके।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान के सूचना प्रसारण मंत्रालय को सभी प्रमुख उर्दू और अंग्रेजी अखबारों में स्पेशल पेज के जरिए कवरेज करवाने का काम सौंपा गया है। 18 सूत्री कार्यक्रम में ये भी तय किया गया है कि 5 अगस्त के दिन सभी पाकिस्तानी न्यूज चैनलों ( Pakistan News Channel ) का ‘लोगो’ ब्लैक कर दिया जाएगा। इसके अलावा सभी चैनलों में कश्मीर पर विशेष कार्यक्रमों का प्रसारण करने के सख्त निर्देश दिए गए हैं। कश्मीरियों के लिए एक विशेष गीत तैयार किया गया है, जिसे दिनभर टीवी पर चलाया जाएगा।
पाकिस्तान 5 अगस्त को कश्मीरी नेताओं, कार्यकर्ताओं और भारत के अंतर्राष्ट्रीय संगठनों को रॉयल ट्रीटमेंट भी देगा। इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर पर संयुक्त राष्ट्र ( United Nation ) के उस प्रस्ताव के संबंध में पर्चे बांटे जाएंगे जिसमें जनमत संग्रह का जिक्र है।
पाकिस्तान को मिला है इन देशों का साथ
आपको बता दें कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 ( Article 370 ) को हटाने को लेकर पाकिस्तान को दुनियाभर से मायूसी ही हाथ लगी है। लेकिन फिर भी कुछ ऐसे देश हैं जिन्होंने पाकिस्तान के पक्ष में अपनी आवाज उठाई है। इनमें मलेशिया, तुर्की और चीन के नाम प्रमुख तौर पर सामने है।
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अनुच्छेद 370 हटने के बाद इमरान खान ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत के खिलाफ प्रोपेगैंड़ा चलाने की कोशिश की। ट्विटर पर भी अभियान चलाया। पिछले साल सितंबर में संयुक्त राष्ट्र महासभा में भी अपने भाषण में इमरान खान ने कश्मीर का ही जिक्र किया और घाटी में नरसंहार की भविष्यवाणी की। इतना हीन ही दुनिया के सामने ये धमकी भी दी कि यदि कश्मीर मामले का समाधान नहीं किया गया तो पाकिस्तान के पास परमाणु हथियार है।
UNGA में पाकिस्तान के साथ केवल दो अन्य देशों ने कश्मीर की बात की। इसमें तुर्की और मलेशिया शामिल है। तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन और मलेशिया के तत्काली प्रधानमंत्री महाथिर मोहम्मद ने कश्मीर की आवाज उठाई थी।
इसके अलावा चीन ने भी धारा 370 को खत्म करने पर बयान जारी किया था। चीन ने कहा था कि भारत और पाकिस्तान को कश्मीर मुद्दे पर एक साथ काम करना चाहिए, जबकि लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश में बदलने पर आपत्ति जताई थी। चीन के विदेश मंत्रालय ( Foreign Ministry of China ) ने कहा था कि चीन हमेशा भारत के प्रशासनिक क्षेत्र में चीन-भारत सीमा के पश्चिमी क्षेत्र में चीनी क्षेत्र को शामिल करने का विरोध करता है। हालांकि भारत ने भी दो टूक कहा था कि ये भारत का आंतरिक मामला है।