मुशर्रफ को सफाई का मौका दिए जाने तक फैसले पर लगे रोक
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की तरफ से दायर याचिका में कहा गया है कि परवेज मुशर्रफ को सफाई का मौका दिए जाने तक विशेष अदालत की कार्यवाही को रोका जाए और विशेष अदालत द्वारा देशद्रोह के इस मामले में फैसला सुरक्षित रखे जाने के आदेश को भी निलंबित किया जाए। इसमें साथ ही कहा गया है कि नया अभियोजन दल नियुक्त होने तक भी कार्रवाई को रोके जाने की जरूरत है।
कोर्ट ने मुशर्रफ के वकील से पूछे दो सवाल
आपको बता दें कि सरकार की याचिका से लगभग पूरी तरह से मेल खाने वाली याचिका खुद पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ की तरफ से पहले ही शनिवार को लाहौर हाईकोर्ट में दायर की गई जिस पर सोमवार को सुनवाई हुई। लाहौर हाईकोर्ट ने मुशर्रफ की याचिका को स्वीकार किया जाए या नहीं, इसे लेकर मुशर्रफ के वकील से दो सवाल पूछे और इनका जवाब मंगलवार तक दर्ज कराने को कहा। अदालत ने पूछा कि अगर मुशर्रफ के खिलाफ कार्यवाही सुप्रीम कोर्ट में चल रही है तो उसे यह अदालत (लाहौर हाईकोर्ट) कैसे सुन सकती है। दूसरा सवाल लाहौर हाईकोर्ट ने मुशर्रफ के वकील से यह पूछा कि मुशर्रफ इस्लामाबाद के रहने वाले हैं, उनकी याचिका को लाहौर में क्यों स्वीकार किया जाना चाहिए।
फैसला 28 नवंबर तक के लिए सुरक्षित
गौरतलब है कि इस्लामाबाद स्थित विशेष अदालत ने 18 नवंबर को इस मामले में सुनवाई पूरी करते हुए फैसला 28 नवंबर तक के लिए सुरक्षित रख लिया था। मुशर्रफ ने लाहौर हाईकोर्ट में अपने वकील ख्वाजा अहमद तारिक रहीम के जरिए दर्ज याचिका में कहा कि वह अपने इलाज के लिए विदेश में हैं, इसलिए वह अपना बचाव अदालत में नहीं कर सके। उन्होंने कहा कि विशेष अदालत ने उनके मामले में कानूनी औपचारिकताओं का पालन नहीं किया है।
मुशर्रफ ने हाईकोर्ट से अपील की है कि विशेष अदालत को उनके मामले में फैसला सुनाने से रोका जाए। वह खुद अदालत में पेश होकर मामले में अपना पक्ष रखना चाहते हैं, उन्हें इसका मौका दिया जाए। उन्होंने आग्रह किया है कि देशद्रोह के इस मामले की सुनवाई को तब तक रोका जाए जब तक वह स्वस्थ नहीं हो जाते और अदालत में पेश होकर अपना पक्ष नहीं रख देते। तत्कालीन मुस्लिम लीग-नवाज सरकार ने परवेज मुशर्रफ के खिलाफ नवंबर 2007 में देश में संविधानेत्तर आपातकाल लागू करने के मामले में देशद्रोह का मामला दर्ज कराया था।