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हिंदुओं के लिए बड़ी घोषणापाकिस्तान के डायरेक्टरेट ऑफ आर्कियोलॉजी एंड म्यूजियम ने अधिसूचना जारी कर पंज तीरथ को एक ऐतिहासिक विरासत घोषित किया। नई घोषणा के बाद इस स्थल को नुकसान पहुंचाने वाले को 20 लाख रुपये जुर्माना और पांच साल जेल का भी प्रावधान है। बता दें कि कुछ दिन पहले पाकिस्तान के पीएम इमरान खान ने अल्पसंख्यकों को बराबरी का दर्जा दिलाने का वादा किया था। खबरों में कहा जा रहा है कि खैबर पख्तूनख्वाह सरकार का यह कदम उसी घोषणा के पालन का एक हिस्सा है। इस ऐतिहासिक स्थल में पांच तालाब हैं। नई घोषणा के बाद अब पंज तीरथ के पांचों तालाब चचा यूनुस पार्क और खैबर पख्तूनख्वा चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के दायरे में आ गए हैं। इसका मतलब यह हुआ कि पंज तीरथ की देखभाल के लिए यही दोनों संस्थाएं जिम्मेदार होंगी।
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महाभारत काल से जुड़ा है पंज तीरथ बताया जाता है कि इस जगह का संबंध महाभारत काल से है। हिंदू समुदाय के लोग कार्तिक महीने में इन तालाबों में स्नान करने आते हैं और यहां स्थित खजूर के पेड़ों के नीचे दो दिनों तक पूजा अर्चना करते हैं। देश में मुस्लिम शासन स्थापित होने के बाद यहां पूजा अर्चना बंद करवा दी गई थी लेकिन बाद में 1834 में सिख शासन के दौरान फिर से पूजा की परम्परा आरम्भ हुई। यहां चैत्र के महीने में एक मेला भी लगता है।