कुरैशी ने कहा है कि इस्लामाबाद सारे वैश्विक मंचों पर नागरिकता संशोधन कानून का मुद्दा उठाएगा। उन्होंने कहा कि ये कानून नरेंद्र मोदी सरकार की ‘हिन्दुत्व’ विचारधारा को बेनकाब करता है।
अल्पसंख्यक के अधिकारों को कमजोर करने की साजिश: कुरैशी
कुरैशी ने जामिया मिलिया और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में हुए हिंसक विरोध-प्रदर्शन पर एक के बाद एक ट्वीट किया और चिंता जाहिर की। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा ‘नागरिकता संशोधन बिल का विरोध कर रहे जामिया मिलिया और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के मुस्लिम छात्रों पर क्रूर और अंधाधुंध ताकत के इस्तेमाल को लेकर चिंतित हूं।’
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कुरैशी ने अपने अगले ट्वीट में लिखा कि मोदी सरकार की ओर से हिन्दुत्व विचारधारा के तहत अल्पसंख्यकों के अधिकारों पर बंदिशें लगाना और उन्हें कमजोर करना जारी है। कश्मीर पर अवैध कब्जा, बाबरी मस्जिद, मुस्लिमों को अलग करने वाला नागरिकता संशोधन बिल, ये सब अल्पसंख्यकों पर आधिपत्य की दिशा में बढ़ने के लिए है।
दुनिया के हर शीर्ष प्लेटफॉर्म में उठाएंगे मुद्दा
शाह कुरैशी ने पाकिस्तान की राष्ट्रीय असेंबली में बोलते हुए कहा कि भारत की ओर से नागरिकता कानून में किए गए बदलाव को दुनिया के शीर्ष प्लेटफॉर्म पर उठाएंगे। कुरैशी ने कहा, ‘पाकिस्तान सभी अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर मुद्दे को उठाएगा।
उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान पूरी दुनिया को भारत में मुस्लिमों और अल्पसंख्यकों से किए जा रहे भेदभाव को लेकर अवगत कराएगा। कुरैशी ने कहा कि कश्मीर और अब अल्पसंख्यकों के साथ किए जा रहे बर्ताव पर दुनिया को पहले अपनी चुप्पी तोड़नी चाहिए।
बता दें कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने जिनेवा में आयोजित पहले वैश्विक शरणार्थी मंच (ग्लोबल रिफ्यूजी फोरम) पर मंगलवार को कश्मीर और भारत के नागरिकता संशोधन कानून (CAA) का मुद्दा उठाया। इमरान ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से आग्रह किया कि वह ‘कश्मीर में मानवाधिकारों के गंभीर उल्लंघन’ का संज्ञान लें।
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