इमरान खान ने यूएन में चीन की कोशिश को सराहा, कहा-कश्मीर को नैतिक व कूटनीतिक समर्थन जारी रहेगा
अपील में कहा गया है कि कोई अन्य उपाय,जो माननीय कोर्ट को उचित लगता हो,उसे भी मंजूर किया जा सकता है। लाहौर हाईकोर्ट (एलएचसी) ने सोमवार को विशेष अदालत के गठन को ही असंवैधानिक बता दिया था। इस्लामाबाद स्थित विशेष अदालत ने 17 दिसंबर, 2019 को मुशर्रफ को मौत की सजा सुनाई थी।
पाकिस्तान के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि किसी सैन्य प्रमुख को उच्च राजद्रोह का दोषी घोषित किया गया। उसे मौत की सजा दी गई। मुकदमे की सुनवाई शुरू होने के छह साल बाद मुशर्रफ को मौत की सजा सुनाई गई। तत्कालीन पीएमएल-एन सरकार द्वारा तीन नवंबर 2007 को संविधान को निलंबित करने के लिए यह मामला दायर किया गया था। इस दौरान मुशर्रफ ने देश में आपातकाल लगाया था।
फैसले के बाद की अपनी याचिकाओं में मुशर्रफ ने एलएचसी से कहा था कि वह विशेष अदालत के असंवैधानिक फैसले को अलग रखे। उन्होंने अपनी याचिका पर निर्णय होने तक फैसले को रद्द करने की भी मांग की। पूर्व सैन्य प्रमुख फिलहाल दुबई में हैं। पिछले महीने उनकी तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था।