बता दें कि ये मामला गैरकानूनी घोषित हो चुके संगठन जमात-उद-दावा और फलाह-ए-इंसानियत से संबंधित है। अपनी याचिका में आतंकी हाफिज सईद और उसके सहयोगियों ने अपने खिलाफ दर्ज 23 FIR को रद करने की मांग की थी।
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सईद और उसके सहयोगियों पर आरोप है मस्जिदों को मिली जमीन का इस्तमाल आतंकी गतिविधियों के लिए किया।
हाफिज सईद के वकील ने आरोपों से किया इनकार
सुनवाई के दौरन कोर्ट में हाफिज सईद के वकील एके डोगर ने कहा कि जमाद उद दावा और फलाह ए इंसानियत की किसी भी संपत्ति का इस्तेमाल आतंकी कार्यो के लिए नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि अभियोजन की ओर से उनके मुवक्किल पर यह गलत आरोप लगाए गए हैं।
हाई कोर्ट की जस्टिस मुहम्मद कासिम खान अध्यक्षता वाली दो सदस्यीय पीठ ने सईद और उसके सहयोगियों की याचिका पर सुनवाई करते हुए आदेश दिया कि अब प्रत्येक FIR रद्द करने के लिए अलग-अलग प्रार्थना पत्र दिया जाए।
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गुरुवार को वकीलों की हड़ताल की वजह से हाफिज और उनके तीन सहयोगियों की आतंकवाद निरोधी अदालत में पेशी नहीं हो सकी। अब इस मामले की सनवाई शुक्रवार को होगी।
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