सेंट्रल जापान रेलवे ने 13 साल के बाद तोकैदो शिंकनसेन लाइन पर नया बुलेट ट्रेन मॉडल उतारा है। इस ट्रेन को ओलिंपिक खेलों में चलाया जाना था। मगर कोरोना वायरस फैलने की वजह से खेल नहीं हो पाया। बुलेट ट्रेन का यह बीते बुलेट ट्रेनों के मॉडल से ज्यादा अगल नहीं है। मगर इसकी स्पीड और अंदर यात्रियों के लिए व्यवस्था बेहतरीन है। यह ट्रेन यात्रियों के लिए अधिक आरामदायक होगी। एक नए ऐक्टिव सस्पेंशन सिस्टम के कारण ट्रेन दौड़ते समय ज्यादा कंपन महसूस नहीं होने देगी। भूकंप के दौरान भी यात्री को ज्यादा झटके महसूस नहीं होने वाले हैं।
ऑटोमैटिक कंट्रोल और ब्रेकिंग सिस्टम ट्रेन में काफी अत्याधुनिक ऑटोमैटिक कंट्रोल सिस्टम लगा है। इसकी मदद से ब्रेकिंग सिस्टम आपातकालीन समय में ट्रेन को तेजी से रोकने का काम कर सकेगा। इस बुलेट ट्रेन की खास बात है कि इसमें लिथियम-आयन की बैटरी मौजूद है। यह ट्रेन बिना बिजली के भी दौड़ने में मदद करेगी। इस सिस्टम से कोई भी आपदा के समय अब ट्रेन कर पॉवर सिस्टम खराब होता है तो यह इस बैटरी के सहारे दौड़ सकती है और यात्रियों को सुरक्षित स्थान पर ले जा सकती है।
सामान न भूल जाएं इसलिए जलेंगी लाइट यात्रियों के लिए इस बुलेट ट्रेन में खास व्यवस्था की गई है। इसमें लंबी और आरामदायक सीटे मौजूद हैं। इस नया लुकर यात्रियों को काफी आराम देता है। इसकी लाइट्स पर काफी खर्च किया है। लाइट्स माहौल को हल्का बना देती हैं। सीटों के ऊपर बने रैक की लाइट हर स्टॉप पर जलती है, ताकि यात्री अपना सामान न भूलें। अधिक सामान ले लिए स्टोरेज एरिया दिया गया है। हर कोच में दो की जगह छह सीसीटीवी कैमरा लगाए गए हैं। बुलेट ट्रेन को जापान के हालातों के अनुकूल बनाया गया है। जापान में भूकंप बहुत आते हैं, ऐसमें बुलेट ट्रेन यात्रियों के लिए सुरक्षित सफर तय करेगी।