इन सबके बीच चीन सरकार का मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स ने एक बार फिर से भड़काने वाली बात कही है। ग्लोबल टाइम्स ने फिर जहर उगलते हुए भारत को धमकी दी है। संपादकीय में कहा है कि यदि भारत किसी भी तरह से हमारे साथ (चीन) प्रतिस्पर्धा करना चाहता है तो चीनी सेना अतीत (1962) से भी ज्यादा नुकसान पहुंचाने में सक्षम है। संपादकीय में आगे लिखा गया है कि भारत ने अपने एक बयान में कहा कि उसने चीनी सेना की गतिविधि को पहले ही रोक दिया है। इससे ये साफ पता चलता है कि भारतीय सेना ने पहले विंध्वंसक कदम उठाया और भारतीय सैनिकों ने ही इस बार संघर्ष शुरू किया।
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आपको बता दें कि दोनों देशों की सेना के ब्रिगेड कमांडर स्तर के शीर्ष अधिकारी चुशूल में बातचीत कर रहे हैं। इस बातचीत के दौरान पैंगोंग झील के दक्षिणी तट की स्थिति से को लेकर तमाम पहलुओं पर चर्चा की उम्मीद है। इससे पहले 8 अगस्त को भारत और चीन के बीच मेजर जनरल स्तर की वार्ता हुई थी।
‘आंतरिक समस्याओं से जूझ रहा है भारत’
ग्लोबल टाइम्स ने अपने संपादकीय में आरोप लगाते हुए लिखा कि आंतरिक समस्याओं से भारत परेशान है। इसमें खासकर कोरोना संकट से निपटने में विफलता सबसे बड़ी परेशानी है। इसके अलावा अर्थव्यवस्था की खराब हालत जैसे मुद्दों से आम नागरिकों का ध्यान भटकाने के लिए सरकार सीमा पर उकसावे की गतिविधियों को करवा रही है।
लेख में आगे कहा है कि दक्षिण-पश्चिम सीमाई इलाकों में चीन रणनीतिक तौर पर काफी मजबूत स्थिति में है और यदि भारत शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व चाहता है तो हम इसका स्वागत करते हैं। लेकिन यदि किसी तरह से भी चुनौती देना चाहता है तो इसका अंजाम बहुत बुरा होगा। पीपल्स लिबरेशन आर्मी ( PLA ) के पास भारत के मुकाबले ज्यादा ताकतवर और क्षमतायुक्त हथियार है। ऐसे में भी यदि भारत सैन्य क्षमता को दिखाना चाहता है तो PLA भारतीय सेना को 1962 से भी अधिक नुकसान पहुंचाने में सक्षम है।
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संपादकीय में भारत को धमकाने और डराने के अंदाज में आगे लिखा कि इस बात पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए कि भारत एक ताकतवर चीन का सामना कर रहा है। PLA के पास देश की एक-एक इंच जमीन की सुरक्षा करने के लिए पर्याप्त सुरक्षाबल है। चीन के लोग भले ही भारत को संघर्ष के लिए उकसाना नहीं चाहते हैं, लेकिन चीन के भू-भाग पर अतिक्रमण की अनुमति कभी नहीं देंगे। चीन की जनता अपनी सरकार के साथ मजबूती से खड़ी है।