पाकिस्तान सरकार के एक उच्च अधिकारी के मुताबिक एनआईए की यह मांग बेकार है। मसूद से पूछताछ के संबंध में पाकिस्तानी अधिकारी ने कहा कि प्रक्रिया में कुछ भी आदान-प्रदान करने जैसी डील नहीं हुई है। अधिकारी के मुताबिक, वो पठानकोट हमले में जैश-ए-मोहम्मद की भूमिका की जांच करना चाहते थे इसलिए भारत आए। यहां भारत की जिम्मेदारी यह है कि वो उनके साथ सहयोग करे ताकि वो और सबूत इकट्ठा कर सकें, जिससे केस और मजबूत बन सके। पाक अधिकारी ने ये भी कहा कि अजहर पर पाक के कानून के तहत एक्शन लिया जाएगा, ऐसे में भारत को मसूद अजहर तक पहुंचाने का कोई मतलब नहीं बनता।
एनआई प्रमुख ने पूछताछ की मांग की
एनआइए प्रमुख शरद कुमार ने कहा था कि वे पाक के बहावलपुर में जैश-ए-मोहम्मद के मुख्यालय तक जाकर अजहर से पूछताछ करने की इजाजत मांगेगें। भारत का मानना है कि उसके पास अजहर के खिलाफ प्रयाप्त सबूत हैं।