इमरान खान की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में लिया गया फैसला
पाकिस्तान के अखबार ‘डॉन’ ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि नवाज शरीफ के खिलाफ यह फैसला पाक पीएम इमरान खान की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में लिया गया। इस बैठक के बाद पीएम खान की विशेष सलाहकार डॉ फिरदौस आशिक अवान ने एक बयान में कहा कि नवाज ने लंदन के किसी भी अस्पताल में अपनी मेडिकल रिपोर्ट नहीं सौंपी है। सरकार के मेडिकल बोर्ड ने नवाज द्वारा भेजे मेडिकल रिपोर्ट को खारिज कर दिया है। अब आज की तारीख से नवाज शरीफ को ‘भगोड़ा’ घोषित किया जा रहा है।
वापस नहीं लौटे शरीफ तो…
अपने बयान में आशिक अवान ने आगे यह भी कहा कि अगर नवाज शरीफ कानून के तहत देश वापस नहीं लौटते हैं तो उन्हें पूरी तरह से भगोड़ा (Proclaimed Offender) करार दिया जाएगा। आपको बता दें कि पाक पूर्व पीएम नवाज शरीफ बीते साल 19 नवंबर को इलाज कराने लंदन रवाना हुए थे। देश छोड़ने से पहले इमरान सरकार ने उनसे जमानत की कुछ शर्तों पर हस्ताक्षर भी लिए थे।
23 दिसंबर को जमानत की अवधि बढ़ाने की रखी थी मांग
बीते 23 दिसंबर को जमानत की अवधि समाप्त होने के बाद पाकिस्तान के तीन बार के पीएम शरीफ ने लाहौर हाई कोर्ट द्वारा दिए गए विदेश प्रवास की अवधि को बढ़ाने की मांग की थी। पंजाब सरकार ने इस मांग पर फैसला लेने के लिए चार सदस्यीय समिति का गठन किया। हालांकि, इस फैसले से पहले सरकार ने शरीफ की ताजा मेडिकल रिपोर्ट जमा कराने के भी निर्देश दिए थे।
लंदन के किसी अस्पताल में भर्ती नहीं कराए गए हैं शरीफ
स्थानीय स्वास्थ्य मंत्री डा. यास्मीन राशिद सहित पंजाब कैबिनेट के अन्य सदस्यों की एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में मंगलवार को जानकारी दी गई कि समिति ने नवाज शरीफ की जमानत को और न बढ़ाने का निर्णय लिया है। मीडिया के सामने समिति ने बताया कि लाहौर हाईकोर्ट के आदेश में कहा गया है कि शरीफ को आठ हफ्ते की जमानत दी गई थी। हालांकि, चर्चाओं के बीच यह जमानत स्वत: ही बढ़नी थी, इसलिए यह 16 हफ्ते के लिए बढ़ गई।’ अब 16 हफ्ते बीत जाने के बाद प्रांतीय सरकार चाहती थी कि उन्हें शरीफ के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी मिले और उस आधार के बारे में सूचित किया जाए जिसके बिनाब पर जमानत बढ़ाने का फैसला किया जा सके। बयान में आगे कहा गया कि, ‘आज तक नवाज शरीफ को लंदन के किसी अस्पताल में भर्ती नहीं कराया गया है।’