JUI-F नेता का दावा: 2020 तक गिर जाएगी इमरान सरकार, इस कार्यकाल में लाखों हुए बेरोजगार दूसरी तरफ पड़ोसी देश अफगानिस्तान भी इन दिनों प्रदूषण की मार झेल रहा है। राजधानी काबुल में प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ गया है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि प्रदूषण की वजह से बीते एक हफ्ते में 17 लोगों की मौत हो चुकी है। अफगानिस्तान के स्वास्थ्य मंत्रालय (Ministry of Public Health) ने बताया कि इन लोगों की मौत घातक प्रदूषण से हुए रेस्पीरेटरी इंफेक्शन जैसी स्वास्थ्य समस्याओं के चलते हुई है।
अफगानिस्तान सरकार की ओर से जारी बयान के हवाले से टोलो न्यूज ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि प्रदूषण के कारण हुई समस्याओं की वजह से पिछले हफ्ते काबुल में 8,800 से अधिक रोगी सरकारी अस्पताल पहुंचे। ये लोग फेफड़ों की समस्याओं एवं सांस की तकलीफों से पीड़ित थे। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, बीते वर्ष के मुकाबले इस साल एक हफ्ते में 1,600 से ज्यादा मरीज अस्पताल पहुंचे।
सरकार ने 16 व्यस्तम इलाकों में बांटे मास्क अंतरराष्ट्रीय निगरानी संगठन एयर विजुअल के मुताबिक, पिछले एक महीने से काबुल में एयर क्वालिटी इंडेक्स खतरनाक बना हुआ है। अधिकारियों की मानें तो ऐसा घटिया श्रेणी के ईंधन, कोयला जलाने की वजह से हुआ है।
हालात इतने खराब हैं कि सरकार को काबुल के 16 व्यस्ततम इलाकों में लोगों को मास्क वितरित करने पड़े हैं। कुल मिलकर कहना गलत नहीं होगा कि अब पूरी दुनिया में जलवायु परिवर्तन और प्रदूषण अपना असर दिखाने लगा है।
अभी हाल ही में आई ग्लोबल एलायंस ऑन हेल्थ एंड पॉल्यूशन (जीएएचपी) की रिपोर्ट में कहा गया है कि साल 2017 में वैश्विक स्तर पर हुई कुल मौतों में 15 फीसद की वजह प्रदूषण था। इस साल प्रदूषण के कारण भारत में सबसे ज्यादा लोगों की जान गई है। इतना ही नहीं, प्रदूषण के कारण दुनियाभर के 2.75 करोड़ लोग शारीरिक रूप से अक्षम हो गए हैं। चीन दूसरे स्थान पर है जहां साल 2017 में 18 लाख से अधिक लोगों की मौत प्रदूषण से हुई है।