अभी तक यह साफ नहीं हो पाया है कि चीनी सैनिकों की इस हरकत के पीछे असली कारण क्या है, लेकिन सूत्रों के मुताबिक़ इस दिन दलाई लामा के जन्मदिन के अवसर पर कुछ तिब्बतियों द्वारा तिब्बती झंडे फहराने से चीनी सैनिक नाराज हो गए थे।
लद्दाख में घुसे चीन के सैनिक!
सुरक्षा अधिकारियों ने बताया कि पीएलए यानी पीपल्स लिब्रेशन आर्मी (PLA) के कई जवानों ने छह जुलाई को एलएसी (LAC) के करीब डेमचोक सेक्टर के कोउल गांव में अपनी एसयूवी कार के साथ भारतीय सीमा में घुसने की कोशिश की थी। इस दौरान यहां बसे शरणार्थियों द्वारा तिब्बती झंडे फहराकर विरोध दर्ज कराया था। हालांकि, सुरक्षा अधिकारियों का कहना है कि चूंकि LAC C को दशकों तक ठीक से सीमांकित नहीं किया गया है, इस कारण भारत और चीन में इस पर अलग-अलग धारणाएं हैं।
वहीं अन्य सूत्रों का कहना है कि 6 जुलाई को सादे कपड़ों में करीब 11 चीनी जवान दो वाहनों में पहुंचे, जब लद्दाख के सीमावर्ती गांवों के ग्रामीण दलाई लामा का जन्मदिन मना रहे थे। ग्रामीणों ने उन्हें बैनर दिखाए और 30-40 मिनट तक इंतजार किया। तिब्बती लोग दलाई लामा का 84 वां जन्मदिन मना रहे थे। इस दौरान चीनी सैनिक भारतीय सीमा में करीब 5 किलोमीटर अंदर आ चुके थे। लेकिन इसके बाद चीनी सैनिकों ने वास्तविक नियंत्रण रेखा के भीतरी इलाकों में घुसने की कोशिश नहीं की।
भारत और चीन एक विवादित सीमा साझा करते हैं और दोनों देशों की सेनाएं डोकलाम में 2017 में 73 दिनों तक गतिरोध में लगी रहीं।भारतीय सुरक्षा अधिकारियों के अनुसार दोनों पक्षों ने मामले को सौहार्दपूर्ण ढंग से हल किया है। उनका कहना है कि सेना के जवान भी मौके पर मौजूद थे, ऐसे में चीनी सैनिकों को आगे बढ़ने की अनुमति नहीं मिली। पीएलए (PLA) ने भारतीय क्षेत्र में 1.5 किमी तक प्रवेश किया। इससे पहले, अधिकारियों ने दावा किया था कि चीनी सैनिकों ने 5 किमी तक प्रवेश किया था। कुछ घंटों के बाद, सेना के अधिकारियों द्वारा आश्वासन के बाद चीनी सैनिक अपने क्षेत्र में लौट आए।