वहीं मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, शादी में कमी को जिसे सिर्फ कोरोना महामारी से नहीं जोड़ा जा सकता है, इसके पीछे कही न कहीं सरकार की ओर से किए गए वादों में विश्वास की कमियां हैं। इनमें वह बच्चे पालने वाले दंपति पर से बोझ कम करने की बात कहती है।
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चाइनीज कम्युनिस्ट पार्टी के यूथ लीग की ओर से किए गए हालिया सर्वे जवाब देने वाले करीब 3000 लोग यानी करीब 34 फीसदी अब जीवन साथी को जरूरी नहीं मानते हैं। इस सर्वे के अनुसार 43 फीसदी से अधिक महिलाओं का कहना है कि या तो वह शादी नहीं करेंगी या फिर इस बारे में कुछ नहीं कह सकतीं।
चीन में शादी को लेकर यह अनिश्चितता आर्थिक स्थिति से भी जुड़ी हुई थी क्योंकि धनी शहरों में युवा लोग छोटे शहरों की तुलना में बिना शादी किए ही रहना चाहते हैं।
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रिपोर्ट में कहा गया है कि ‘अर्थव्यवस्था जितनी अधिक विकसित होगी, उतने ही अधिक लोग सक्रिय रूप से अकेले रहना पसंद करेंगे।’ रिपोर्ट में आगे कहा गया है चूंकि देश में लगातार आर्थिक विकास हो रहा है ऐसे में शादी नहीं करने वाले युवाओं की संख्या में बढ़ोतरी जारी रह सकती है।