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भारत को घेरने की फिराक में ड्रैगन! अब म्यांमार में बनाएगा बंदरगाह

चीन ने बंदरगाह बनाने के लिए करीब एक अरब डॉलर खर्च करने की योजना बनाई है।

Nov 10, 2018 / 01:11 pm

Shweta Singh

China to develop a port in myanmar a cause of concern to India

भारत को घेरने की फिराक में ड्रैगन! अब म्यांमार में बनाएगा बंदरगाह

पेइचिंग। भारत के खिलाफ चीन लगातार कोई न कोई चाल चलकर देश की चिंता बढ़ाते आ रहा है। हाल ही में भारत के कई पड़ोसी देशों को चीन अपने कर्ज जाल और पैसों के लिए खुद पर निर्भर बनाकर उन्हें अपने पाले में लेने की कोशिश कर रहा है। बांग्लादेश पर चाल नाकामायाब के होने के बाद अब चीन की नजर म्यांमार पर है। खबर आ रही है कि म्यांमार के क्यौकप्यू शहर में चीन ने बंदरगाह बनाने के लिए करीब एक अरब डॉलर खर्च करने की योजना बनाई है।

गुरुवार को सौदे पर लगी मुहर

रिपोर्ट के मुताबिक बंगाल की खाड़ी के साथ-साथ चीन, म्यांमार में भी बंदरगाह का विकास करेगा। इस सौदे पर वार्ता के बाद बीजिंग और ने-पी-टॉ के बीच गुरुवार को सहमति बनी है। चीन बेल्ट एवं रोड प्रोजेक्ट के तहत इस परियोजना का वित्त पोषण करेगा। चीनी मीडिया की माने तो इस प्रोजेक्ट के कार्यान्वयन के लिए यह सौदा एक महत्वपूर्ण कदम है। खास बात ये है कि म्यांमार में पहले से ही चीन द्वारा निर्मित दो बंदरगाह हैं।

हिंद महासागर को घेरने की तैयारी

चीन इस वक्त भारत के कई पड़ोसी देश पर अपनी नजर गड़ाए हुए है। एक तरफ जहां पाकिस्तान में उसकी मदद से ग्वादर बंदरगाह का निर्माण हो रहा है,तो दूसरी ओर श्रीलंका के हंबनटोटा बंदरगाह को 99 साल के लिए लीज पर लिया है। बता दें कि ये बंदरगाह रणनीतिक रूप से काफी अहम माना जाता है। इन दोनों के अलावा चीन ने बंग्लादेश के चटगांव स्थित एक बंदरगाह का भी वित्त पोषित कर रहा है। चीन की बंदरगाहों पर पैसा लगाने की इस रणनीति को हिंद महासागर को घेरने की रणनीति के रूप में देखा जा रहा है। जो कि भारत के लिए अच्छा नहीं है। इसलिए ये परियोजना भारत के लिए चिंता का सबब है।

70 फीसदी फंडिंग चीन की ओर से

हालांकि चीन ने जिन भी देशों में अधिक निवेश किया है उनकी दशा देखकर कई देश उससे सावधानी बरतते थे। म्यांमार ने भी चीन के बढ़ते निवेश को देखते हुए, देश की कुछ परियोजनाओं से पीछे हटने में ही समझदारी समझी। जानकारी के मुताबिक इस परियोजना में चीन 70 फीसदी फंडिंग करेगा, बाकी के 30 फीसदी का निवेश म्यांमार की ओर से होगा। गौरतलब है कि हाल ही में बांग्लादेश ने भी चीन के कर्जजाल से बचने के लिए पद्मा नदी पर पुल परियोजना के लिए खुद ही वित्त बोझ उठाने का फैसला किया था।

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