भ्रष्टाचार से टूट की कगार पर रिश्ता
पाकिस्तानी मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक चीन के इस फैसले की वजह से पाकिस्तान नेशनल हाइवे अथॉरिटी के अरबों डॉलर की परियोजनाओं को झटका लगा है। जिसकी वजह से पाक की चीन परियोजनाओं को पूरा करने में देरी हो सकती है। पाकिस्तान को आगे इस संबंध में फंडिग करनी है या नहीं इस बारे में चीनी सरकार आगे निर्णय लेगी। तबतक के लिए इस फंडिंग पर रोक जारी रहेगी।
109 अरब की 3 सड़क परियोजना
चीन ने पाकिस्तान को दी जाने वाली तीन परियोजनाओं पर रोक लगाई है। इसमें पहला 8.5 अरब रुपए की लागत से बनने वाला 136 किलोमीटर लंबा राजकोट के थाकोट के बीच का काराकोरम हाइवे है। दूसरा 19.76 अरब रुपए की लागत वाला 110 किलोमीटर लंबा खुदजार बसिमा रोड है। जबकि तीसरा करीब 81 अरब रुपए की अनुमानित लागत वाला 210 किलोमीटर लंबा डेरा इस्माइल खान झोब रोड है।
बता दें कि ओबोर (वन बेल्ट, वन रोड) चीन का अति महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है, जिसको चीन प्राचीन सिल्क रूट की तर्ज पर विकसित कर रहा है। इस रूट के जरिए चीन मध्य एशिया से लेकर यूरोप और फिर अफ्रीका तक स्थलीय व समुद्री मार्ग तैयार करने में जुटा है। चीन की ओर से इस प्रोजेक्ट का लक्ष्य व्यापार को बढ़ावा देने का प्रयास बताया जा रहा है। ओबोर के ही अंतर्गत् चीन पाकिस्तान में चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) को विकसित कर रहा है। इसके लिए चीन ने पाकिस्तान को 46 हजार करोड़ डॉलर की आर्थिक मदद मुहैया कराई है। सीईपीसी में चीन ग्वादर पोर्ट से एक मार्ग पाकिस्तान के भीतर होकर अपने सीमा तक लेकर जाएगा। चीन के इस प्रोजेक्ट को लेकर भारत की ओर से आपत्ति दर्ज कराई गई है, क्योंकि ग्वादर पोर्ट से शुरू होने वाला यह मार्ग पाकिस्तान के भीतर और फिर पीओके जिसको भारत अपना हिस्सा बताता है, से होते हुए चीन पहुंचेगा।