इन सबके बीच एक चौंकाने वाली बात सामने आई है। दरअसल, गलवान वैली में हुई हिंसक घटना से बौखलाए चीन ने भारतीय न्यूज वेबसाइटों को ही ब्लॉक ( China Ban Indian News Website ) कर दिया है। इब कोई भी भारतीय न्यूज वेबसाइट को चीन में ओपन नहीं किया जा सकेगा। हालांकि भारत ने ऐसा नहीं किया है और चीन सरकार के न्यूजपेपर वेबसाइट्स ( Chinese newspapers and websites ) अब भी भारत में आसानी से काम कर रहे हैं।
बीजिंग में राजनयिक सूत्रों के हवाले से मीडिया रिपोर्ट में बताया जा रहा है कि भारतीय न्यूज चैनलों ( Indian News Channel ) को अब केवल आईपी टीवी के माध्यम से ही एक्सेस किया जा सकता है। रिपोर्ट की मानें तो चीन में एक्सप्रेस वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क( VPN ) पर पिछले दो दिनों से आईफोन और डेस्कटॉप पर भारतीय वेबसाइट्स काम नहीं कर रहे हैं। साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले कुछ वर्षों में चीन में ब्लॉक वेबसाइटों की संख्या 10,000 हो गई है।
चीन को सताने लगा सच्चाई सामने आने का डर
आपको बता दें, गलवान वैली में 15 जून को हुई हिंसा में भारत के 20 जवान शहीद हुए थे, जबकि चीन के 40 से अधिक सैनिक मारे गए थे। भारत ने अपने सैनिकों ( Indian Army ) का सम्मान अंतिम विदाई देते हुए उनके पार्थिव शरीर को उनके परिजनों तक पहुंचाया। लेकिन चीन में ऐसा नहीं हुआ। चीन सरकार ने अब तक देश के सामने ये नहीं बताया है कि उनके कितने सैनिक हताहत हुए हैं। इसको लेकर चीनी सरकार के खिलाफ लोगों में भारी गुस्सा है।
इन सबके बीच भारतीय मीडिया लगातार गलवान वैली की सच्चाई को सामने ला रही है। ऐसे में चीन को ये डर सताने लगा है कि कहीं भारतीय मीडिया के जरिए लोगों को सही जानकारी न मिल जाए। बता दें कि चीन में मीडिया का नियंत्रण सरकार ( online media censorship in china ) यानी सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी के हाथों में है। बिना कम्युनिस्ट पार्टी की मंजूरी के कोई भी कुछ भी नहीं लिख सकता है। लेकिन भारतीय मीडिया स्वतंत्र है। लिहाजा भारतीय मीडिया ( Indian Media ) में हर दिन हर पल गलवान घाटी से संबंधित खबरें सामने आ रही है, इसी डर से चीन ने भारतीय न्यूज वेबसाइट्स को ब्लॉक कर दिया है।
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बीते सप्ताह ही चीन ने वीवो और वीचैट प्लेटफॉर्म से पीएम मोदी के भाषण और भारतीय विदेश मंत्रालय के बयान को डिलीड कर दिया था।
भारत में 59 चीनी ऐप्स बैन
आपको बता दें कि भारत ने चीन के खिलाफ एक सख्त कदम उठाते हुए टिक टॉक ( Tik Tok ) और यूसी ब्राउजर ( UC Browser ) जैसे लोकप्रिय ऐप्स समेत 59 चीनी ऐप्स ( Chinese Apps ) को डेटा सिक्योरिटी और देश की संप्रभुता का हवाला देते हुए बैन कर दिया। भारत ने साफ-साफ कहा है कि इन सभी ऐप्स के सर्वर दूसरे देश में है और लगातार ये आशंका जताई जा रही थी कि ये ऐप भारतीय नागरिकों का डेटा विदेशी सरकार को दे रहे हैं। जिससे देश की सुरक्षा को खतर हो सकता है।
हालांकि टिक टॉक की ओर से ये कहा गया है कि हम भारत सरकार के इस फैसले को मान रहे हैं, लेकिन संबंधित अधिकारियों से बात कर रहे हैं। हम किसी भी तरह का डेटा किसी दूसरे देश या चीन सरकार के साथ साझा नहीं करते हैं। मालूम हो कि 2017 से ही डेटा चोरी की बातें सामने आ रही थी।
चीन पर भारत की डिजिटल स्ट्राइक, UC-Tik ToK-Shareit समेत 59 Chinese Apps हुए Ban
भारत आने वाले दिनों में कुछ ऐसे फैसला ले सकता है, जिससे चीनी कंपनियों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। अभी भारत ने सभी सरकारी टेलिकॉम कंपनियों से चीनी इक्विपमेंट्स इस्तेमाल करने से मना कर दिया है और 5G को लकेर लेकर भी बहुत जल्द फैसला आने वाले है।