मालदीव यात्रा के दौरान भी पीएम मोदी ने साधा था पाकिस्तान पर निशाना
प्रधानमंत्री के रूप में दूसरे कार्यकाल के लिए फिर से चुने जाने के बाद मालदीव की अपनी पहली विदेश यात्रा के दौरान भी उन्होंने पाकिस्तान पर निशाना साधा था। उन्होंने कहा था कि आतंकवाद को ‘देश’ (पाकिस्तान) द्वारा बढ़ावा दिया जाना दुनिया के सामने सबसे बड़ा खतरा है। अब उम्मीद जताई जा रही है कि 13-14 जून को होने वाले इस शिखर सम्मेलन में मोदी द्वारा बहुपक्षीय मंचों पर पाकिस्तान को अलग-थलग करने की भारत की रणनीति के हिस्से के रूप में मुद्दा उठाए जाने की संभावना है। हालांकि, चीन ने इससे पहले ही स्पष्ट किया कि उसके सहयोगी पाकिस्तान को इस कार्यक्रम में निशाना नहीं बनाया जाना चाहिए।
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चीन के उप विदेश मंत्री झांग हानहुई का बयान
इस संबंध में चीन के उप विदेश मंत्री झांग हानहुई ने कहा, ‘हर शिखर सम्मेलन में, शंघाई सहयोग संगठन के संस्थागत ढांचे पर चर्चा की जाएगी। इसमें खासकर आतंकवाद से निपटने को लेकर आर्थिक सहयोग और सुरक्षा सहयोग शामिल होगा। हालांकि, जब झांग से पूछा गया कि क्या सम्मलेन में बहुपक्षवाद चर्चा का आधार होगा तो जवाब में उन्होंने कहा, ‘सुरक्षा और विकास SCO के दो प्रमुख मुद्दे हैं। SCO की स्थापना किसी भी निश्चित देश को निशाना बनाने के लिए नहीं है, लेकिन इस स्तर का शिखर सम्मेलन निश्चित रूप से प्रमुख अंतरराष्ट्रीय संबंध और क्षेत्रीय मुद्दों पर ध्यान देगा।’
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शिखर सम्मेलन में मोदी-शी की मुलाकात
बता दें कि किर्गिस्तान के बिश्केक में 19वें एससीओ शिखर सम्मेलन में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के भाग लेने से पहले झांग एक प्रेस कॉन्फ्रेंस संबोधित करने पहुंचे थे। वहीं, पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने यह टिप्पणी की। मोदी शिखर सम्मेलन से इतर शी से मुलाकात करेंगे। हालांकि,भारत विरोधी आतंकवादियों को वित्तीय मदद करने का हवाला देते हुए मोदी ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान से मुलाकात नहीं करने का फैसला लिया है।