अशरफ गनी के अफगानिस्तान छोड़कर जाने के साथ ही उन पर ये आरोप भी लगाए जा रहे हैं कि वे देश से काफी सारा धन लेकर भागे हैं। अपने ऊपर लगे इस आरोप का भी अशरफ गनी ने जवाब दिया, उन्होंने पैसे लेकर भागने के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि, ‘मैं अफगानिस्तान से पैसे लेकर भागा हूं लेकिन ये सब निराधार हैं। इसे संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के कस्टम विभाग से क्रॉस चेक किया जा सकता है।’
पैसे लेकर भागने के आरोपों पर सफाई देते हुए अशरफ गनी ने बताया कि, ना तो मैं देश का पैसा लेकर भागा और ना ही कोई और वस्तु। जिस वक्त मुझे देश छोड़ने के लिए कहा गया, उस वक्त इतना भी समय नहीं था कि मैं अपने जूते बदल सकूं। बहुत की कम वक्त में सुरक्षा बलों ने मुझे देश छोड़ने को कहा था।
गनी अफगानिस्तान छोड़ने के बाद पहली बार सामने आए थे। वीडियो के जरिए उन्होंने कहा कि, ‘मैं काबुल में रहता तो कत्लेआम मच जाता।’ यह भी पढ़ेंः Afghanistan: भारतीयों के लिए फिर देवदूत बनी वायुसेना, काबुल से 148 लोगों को लेकर लौटा मैं मौत से नहीं डरता
अशरफ गनी ने कहा- तालिबान से बातचीत का कोई नतीजा नहीं निकल रहा था। सुरक्षा कारणों की वजह से अफगानिस्तान से बाहर गया। मैं मौत से नहीं डरता।
गनी बोले- भगोड़ा कहने वाले मेरे बारे में नहीं जानते हैं, मुझे बताया गया था कि तालिबान काबुल में आ चुका है। यह एक तथ्य है कि हमारे और तालिबान के बीच एक समझौता हुआ था कि तालिबान काबुल में प्रवेश नहीं करेगा, लेकिन उन्होंने प्रवेश किया। मैंने खूनी संघर्ष से बचने के लिए अफगानिस्तान छोड़ने का फैसला किया।
अफगानिस्तान के नाम संदेश में अशरफ गनी ने कहा कि वे वतन वापसी को लेकर बातचीत कर रहे हैं। उन्हें उनकी इच्छा के खिलाफ देश से बेदखल किया गया है। यूएई में ली शरण
अफगानिस्तान से निकलकर अशरफ गनी ने इस्लामिक देश संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में शरण ली है। यूएई ने कहा है कि अफगान राष्ट्रपति अशरफ गनी उनके देश में हैं। अफगान राष्ट्रपति अशरफ गनी और उनके परिवार को मानवीय आधार पर स्वीकार कर लिया गया है।