scriptकौन है Salima Mazari? जिनसे तालिबान को भी लग रहा डर | Afghanistan War Lady governor Salima Mazari who recruits anti taliban military | Patrika News
एशिया

कौन है Salima Mazari? जिनसे तालिबान को भी लग रहा डर

Salima Mazari ने तालिबान के खिलाफ खड़ी कर दी खुद की फौज, जमीन और मवेशी बेचकर लोग बन रहे सलीमा की फौज का हिस्सा

Aug 13, 2021 / 11:18 am

धीरज शर्मा

Salima Mazari
नई दिल्ली। अफगानिस्तान ( Afghanistan ) में तालिबान ( Taliban ) ने ऐसी दहशत फैला दी है कि लोग डर के साए में जी रहे हैं। तालिबान बंदूक और हथियारों के दम पर लगातार अफगानिस्तान पर अपनी पकड़ मजबूत करता जा रहा है। अफगानिस्तान के कई प्रमुख प्रांतों में तालिबान का कब्जा करता जा रहा है।
इस बीच तालिबानियों को रोकने और उन्हें सीधी टक्कर देने के लिए एक महिला गवर्नर सामने आई है। इस दबंग महिला गवर्नर से तालिबान भी खौफ खा रहा है। दरअसल अफगानिस्तान में कत्लेआम मचा रहे आतंकी संगठन तालिबान से लड़ने के लिए महिला गवर्नर सलीमा मजारी ( Salima Mazari ) ने अपनी एक फौज बनाई है। सलीमा इस फौज के जरिए अपने इलाके के लोगों की ढाल बनकर खड़ी हैं।
यह भी पढ़ेंः तालिबान का दावा: कंधार पर अब हमारा कब्जा, काबुल बस 130 किमी दूर, भारत-अमरीका ने अपने नागरिकों से कहा- अफगानिस्तान तुरंत छोडि़ए

164.jpg
सलीमा मजारी है चारकिंट जिले की लेडी गर्वनर हैं। जिस समय अफगानिस्तान में महिलाओं के हक को लेकर लड़ाई चल रही है, तब सलीमा अपने दम पर अपने इलाके के लोगों का सुरक्षा कवच बन गई हैं।
सलीमा ने अपनी खुद की एक ऐसी फौज खड़ी कर ली है कि तालिबान भी उन पर हमला करने से पहले हजार बार सोच रहा है।

159.jpg
सलीमा के सेना में जमीन बेचकर शामिल हो रहे लोग
सलीमा पर इलाके के लोगों का भरोसे का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि लोग अपनी जमीन और मवेशी बेच कर हथियार खरीद रहे हैं और सलीमा की सेना में शामिल हो रहे हैं।
फिलहाल सलीमा की फौज में 600 के करीब लोग शामिल हो चुके हैं। वहीं ये लेडी गवर्नर घूम-घूम कर अपने इलाके में लोगों लड़ने का जज्बा पैदा करते हुए फौज में शामिल होने की अपील भी कर रही है।
161.jpg
देशभक्ति के गाने से भरती हैं जोश
सलीमा उत्तरी अफगानिस्तान के ग्रामीण इलाकों से गुजरती हैं और अपनी फौज में स्थानीय लोगों को शामिल करती रहती हैं।

उनकी गाड़ी की छत पर एक लाउडस्पीकर लगा है। इसमें देशभक्ति का मशहूर गीत बजता रहता है। ‘मेरे वतन… मैं अपनी जिंदगी तुझ पर कुर्बान कर दूंगा’ बोल वाले इस गीत के जरिए सलीमा लोगों में जोश भरती हैं।
ईरान में हुआ था सलीमा का जन्म
अफगान मूल की सलीमा का जन्म 1980 में एक रिफ्यूजी के तौर पर ईरान में हुआ। यहीं पर सलीमा पलीं और बढ़ीं। सलीमा ने तेहरान की यूनिवर्सिटी से अपनी पढ़ाई पूरी की।
ईरान में बसने की बजाय सलीमा ने अफगानिस्तान में आकर काम करने का फैसला किया। वो यहां बल्ख सूबे के चारकिंट की गवर्नर भी चुनी गईं। अब सलीमा लंबे समय से तालिबान के खिलाफ लड़ रही हैं।
यह भी पढ़ेंः पाकिस्तान: मरम्मत के बाद हिंदुओं को वापस सौंपा गया गणेश मंदिर

163.jpg
इसलिए सलीमा से तालिबान को दिक्कत
दरअसल सलीमा हजारा समुदाय से ताल्लुक रखती हैं और इस समुदाय के ज्यादातर लोग शिया बिरादरी से आते हैं, ऐसे में तालिबानियों का इनके साथ हमेशा से छत्तीस का आंकड़ा रहा है। शियाओं के बहुत से रीति रिवाज तालिबान आतंकियों से मेल नहीं खाते, ऐसे में तालिबान शियाओं को भी विधर्मियों के तौर पर देखता है।
इसके अलावा सलीमा ने तालिबान से जंग के बीच पिछले वर्ष करीब 100 तलिबानियों को सरेंडर करने पर मजबूर कर दिया था। यही वजह है कि सलीमा से सीधी टक्कर लेने में तालिबान डर रहा है।

Hindi News / world / Asia / कौन है Salima Mazari? जिनसे तालिबान को भी लग रहा डर

ट्रेंडिंग वीडियो