वहीं, तत्कालीन उप राष्ट्रपति ने देश छोडऩे से इनकार करते हुए खुद को केयर टेकर राष्ट्रपति घोषित किया और पंजशीर प्रांत में अब भी डटे हुए हैं, जहां अहमद मसूद की सेना संग स्थानीय लोग तालिबानियों से मुकाबला कर रहे हैं।
दावा यह भी किया गया कि राष्ट्रपति अशरफ गनी ने देश छोडऩे के साथ बहुत सारा सरकारी पैसा भी हेलिकॉप्टर में भरकर चले गए। हालांकि गनी ने इन दावों की पुष्टि नहीं की है। गनी के ओमान में शरण लिए जाने की बात सामने आई है।
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वहीं, अफगानिस्तान के एक मंत्री जर्मनी में शरण लिए हुए हैं। यही नहीं, वहां वह नई लाइफस्टाइल भी जीने लगे हैं। इनका नाम है सईद अहमद सादात और यह अफगानिस्तान में पूर्व में आईटी, कम्युनिकेशन एंड टेक्नालॉजी मिनिस्टर थे। इन दिनों सोशल मीडिया पर एक फोटो वायरल हो रही है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि यह अफगानिस्तान के पूर्व आईटी मिनिस्टर सईद अहमद सादात हैं। सईद इस समय जर्मनी के लेपजिग शहर में रह रहे हैं और वहां पिज्जा डिलीवरी का काम कर रहे हैं।
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फोटो में दिख रहे शख्स को लेकर तमाम मीडिया रिपोर्ट में भी यह पुष्टि की गई है कि सईद लेपजिग शहर में साइकिल से पिज्जा डिलीवरी का काम कर रहे हैं। हालांकि, बताया यह भी जा रहा है कि सईद ने वर्ष 2020 में ही मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद अफगानिस्तान छोड़ दिया था। इसके बाद वह जर्मनी के लेपजिग शहर में आ गए और यहां पिज्जा डिलीवरी का काम करने लगे।