26 जनवरी की रात 9 बजे कृषि उपज मंडी में फड़ क्रमांक 51 के मुनीम अभिषेक पुत्र प्रेमनारायण ओझा की ट्रक की टक्कर से मौत हो गई थी। व्यापारियों का आरोप था कि शराबियों ने उस पर बोतल फैंककर मारी और बचने के चक्कर में तेज स्पीड से बाइक चलाकर भागते समय ट्रक की चपेट में आ गया था। वहीं शुक्रवार को मृतक के परिजन व समाजजन मंडी पहुंचे और गेट पर ही धरने पर बैठ गए। इससे मंडी में ट्रैक्टर-ट्रालियों व अन्य वाहनों की आवाजाही रुक गई और गेट से वायपास तक वाहनों की दो घंटे तक लाइन लगी रही। मृतक के परिजन ट्रक के मालिक व ड्राइवर पर हत्या का प्रकरण दर्ज करने की मांग पर अड़े रहे। हालांकि बाद में कोतवाली प्रभारी ने सभी बिंदुओं पर बारीकी से जांच का आश्वासन दिया, तब परिजन हटे।
परिजनों का सवाल: मंडी में आया ट्रक अज्ञात कैसे, बिना नंबर दर्ज किए गेट पर कैसे दी एंट्री मुनीम को टक्कर मारकर भागे ट्रक के मामले में प्रभारी मंडी सचिव का गुरुवार को कहना था कि घटना के बाद ट्रक चालक ट्रक लेकर सीधे ही थाने पहुंच गया, लेकिन पुलिस ने रिपोर्ट में अज्ञात वाहन लिखा है और थाने में कोई ट्रक भी नहीं मिला। इससे परिजनों ने इस मामले में षड्यंत्र का आरोप लगाया है। साथ ही परिजनों का सवाल है कि मंडी में आया ट्रक अब अज्ञात कैसे हो गया। क्योंकि मंडी में आने वाले हर ट्रक व बाहर जाने वाले ट्रक की एंट्री होती है।
परिजन हटे तो ट्रैक्टर के आगे खड़े हो गए तुलावट संघ अध्यक्ष मंडी गेट पर मृतक के परिजनों के बैठने की वजह से सुबह साढ़े 10 बजे से दोपहर साढ़े 12 बजे तक मंडी में वाहनों की आवाजाही बंद रही, इस दौरान न तो बाहर से कोई वाहन अंदर प्रवेश कर सका और न अंदर से वाहन बाहर जा सका। इससे मंडी गेट से वायपास रोड पर जाम के हालात बनते दिखे। कोतवाली प्रभारी की समझाइश पर परिजन हटे तो तुलावट संघ के अध्यक्ष बाबूलाल दैलवार ट्रेक्टर के आगे खड़े हो गए और बोले ऐसे कैसे वाहन प्रवेश कर पाएंगे आप लिखित में दें जांच में कितने दिन लगेंगे। इससे कोतवाली प्रभारी ने जांच के लिए सात दिन लिखकर दिए।