अनूपपुर

जिले में 38 डिलीवरी प्वाइंट, लेकिन सिर्फ जिला चिकित्सालय में ही होता है सिजेरियन ऑपरेशन

अनूपपुर. सुरक्षित प्रसव के लिए जिले में चिकित्सालय प्रबंधन ने 38 स्थान पर डिलीवरी प्वाइंट निर्धारित किए हैं लेकिन यह सिर्फ कागजों में ही हैं। 38 में से 37 स्वास्थ्य केंद्रों में कहीं पर भी सिजेरियन डिलीवरी नहीं हो पा रही है। गर्भवती महिलाओं को प्रसव पीड़ा होने पर स्थानीय प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र […]

अनूपपुरJan 24, 2025 / 11:53 am

Sandeep Tiwari

अनूपपुर. सुरक्षित प्रसव के लिए जिले में चिकित्सालय प्रबंधन ने 38 स्थान पर डिलीवरी प्वाइंट निर्धारित किए हैं लेकिन यह सिर्फ कागजों में ही हैं। 38 में से 37 स्वास्थ्य केंद्रों में कहीं पर भी सिजेरियन डिलीवरी नहीं हो पा रही है। गर्भवती महिलाओं को प्रसव पीड़ा होने पर स्थानीय प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में दाखिल तो कराया जाता है लेकिन यदि नॉर्मल डिलीवरी नहीं हो पाई तो प्रसूताओं को जिला अस्पताल रेफर कर दिया जाता है। कई बार नॉर्मल डिलीवरी के लिए प्रयास करने के बाद स्थिति बिगडऩे पर जिला चिकित्सालय रेफर किया जाता है। जिले के कई केंद्र ऐसे हैं जिनकी जिला चिकित्सालय से दूरी 50 से 70 किलोमीटर की है ऐसे में यह फासला तय करने में लगभग 2 घंटे का समय लग जाता है और समय पर चिकित्सकीय सहायता न मिलने पर शिशु और मां की जिंदगी पर भी खतरा बन जाता है। जिले में 9 सीएचसी का संचालन अनूपपुर जिले में वर्तमान समय में स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए 169 उप स्वास्थ्य केंद्र 26 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र एवं 9 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का संचालन किया जा रहा है। इन स्वास्थ्य केंद्र में से 38 को स्वास्थ्य विभाग ने डिलीवरी प्वाइंट निर्धारित कर रखा है। जिसमें से 37 डिलीवरी प्वाइंट में सिर्फ नॉर्मल डिलीवरी कराई जाती है जबकि जिलेभर में सिर्फ जिला चिकित्सालय में ही सिजेरियन डिलीवरी की व्यवस्था है जिसके कारण हर वर्ष ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाली महिलाओं को प्रसव के दौरान इस मुसीबत का सामना करना पड़ता है। प्राथमिक तथा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में प्रसव पीड़ा होने पर प्रसूताओं को इलाज के लिए दाखिल कराया जाता है लेकिन वहां भी स्थिति बिगडऩे तथा नॉर्मल डिलीवरी की संभावना न होने पर जिला चिकित्सालय के लिए रेफर कर दिया जाता है।
निश्चेतना विशेषज्ञ न होने से समस्या

जिले में 9 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र संचालित हैं जहां सिजेरियन डिलीवरी की व्यवस्था बनाई जा सकती है, लेकिन इसमें संसाधनों का अभाव सबसे बड़ी परेशानी बना हुआ है। सबसे महत्वपूर्ण सर्जन की पदस्थापना नहीं होने, ब्लड की उपलब्धता न होने तथा निश्चेतना विशेषज्ञ की कमी के कारण सीएचसी में सिजेरियन डिलीवरी संभव नहीं है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में ओ टी तो है लेकिन वह भी छोटे ऑपरेशन के लिए हैं। बड़े ऑपरेशन के लिए यहां ओटी भी नहीं है।
गायनी चिकित्सक की उपलब्धता नहीं होने के कारण यह संभव नहीं पा रहा है। सिर्फ जिला चिकित्सालय में ही अनुकूल व्यवस्थाएं हैं। पूर्व में पुष्पराजगढ़ में सिजेरियन ऑपरेशन कराया जाता था लेकिन उसके लिए भी अनूपपुर से ही गायनी चिकित्सक को भेजा जाता था। डॉ. आरके वर्मा, सीएमएचओ

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