तीनों मामले थे गंभीर
मीडिया प्रभारी राकेश कुमार पांडेय ने बताया कि उपरोक्त तीनों मामले जिले के गम्भीर मामले थे, जिनमें आरोपियों को सजा कराना चुनौतीपूर्ण था। अभियोजन अधिकारी रामनरेश गिरी द्वारा तीनों मामलों संवेदनशील तर्क रखते हुए अभियोजन का पक्ष रखा। जिसपर न्यायालय ने प्रकरण पर तत्काल निराकरण करते हुए 21 दिनों में तीनों मामले में सजा सुनाई। गुलाम फरीदी मृतिका की पुत्री से छेड़छाड़ करता था, जिसकी शिकायत पर आरोपी ने पुत्री से मारपीट की, जहां बचाव करने पहुंची मां पर आरोपी ने कुदारी से प्रहार कर मौत के घाट उतार दिया था। जबकि दूसरे मामला में शिव कुमार द्वारा किशोरी को भगाकर जबलपुर में ज्यादती की घटना को अंजाम दिया। वहीं तीसरे मामले में नितिश कुशवाहा ने किशोरी को झूठी बहाकावे घर बुलाकर उसके साथ ज्यादती की।