जवानों के मोबाइल फोन पर भी नजर रखी जा रही थी। जिला मुख्यालय छोडऩे के बाद गाडिय़ां कोतमा, भालूमाड़ा और रामनगर क्षेत्र की ओर रवाना हो गईं। तय जगह पहुंचने से पहले पुलिसकर्मियों को दबिश की जानकारी दी गई। मौके पर पहुंचते ही जवानों ने ताबड़-तोड़ कार्रवाई करते हुए एक-एक कर आठ सूदखोरों को हिरासत में ले लिया। सुबह से शाम तक चली कार्रवाई में आरोपियों के पास से मिले दस्तावेज देखकर पुलिसकर्मी भी हैरत में पड़ गए। दरअसल, पुलिस ने मंगलवार को सूदखोरों के खिलाफ अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई करते हुए पांच सौ परिवारों को इनके चंगुल से मुक्त कराया।
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ये दस्तावेज मिले
आरोपियों के पास से 55 लाख रुपए नगद, 160 चेकबुक, 710 ब्लैंक चैक, 225 पासबुक, 73 एटीएम कार्ड, 48 पेन कार्ड, 66 आधार कार्ड, 50 शपथ पत्र, 80 अंकसूची और कई ऋण पुस्तिकाएं जब्त की गई हैं। आरोपियों ने यह कीमती दस्तावेज लोगों से जबरन कब्जे में ले रखे थे।
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ऐसे ऐंठते थे रुपए
एसपी पटेल ने बताया, कोतमा क्षेत्र में सूदखोरों की शिकायतें मिल रही थीं। आरोपी आदिवासी और कोयला खदानों पर काम करने वाले लोगों को ज्यादा ब्याज पर कर्ज देकर और लोन पास करवाने के नाम पर रुपए ऐंठते थे। आगामी समय में कोयलांचल में कैंप लगाकर शिकायतों को सुना जाएगा और कार्रवाई की जाएगी।
10 से 50 प्रतिशत तक ब्याज
पुलिस ने मो. अफजल, बृजकिशोर मिश्रा, योगेन्द्र शर्मा, ओमान साहू, लतीफ , सुरेश गौतम, अजय सिंह और मनोज गुप्ता को गिरफ्तार किया है। दो अन्य आरोपी रामचरण केवट व वीरन राय फरार हैं। आरोपी सीधे-साधे लोगों से 10 से 50 फीसदी तक ब्याज वसूलते थे।